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NCTE की गाइडलाइंस देश के बेरोजगारों के साथ मजाक , दिए बेरोजगारों को खून के आंसू

NCTE की गाइडलाइंस देश के बेरोजगारों के साथ मजाक है या सच या फिर देश के बेरोजगारों के साथ एक धोखा - हमारा ब्लॉग सदा से सीधी और सच्ची बात करता आया हैNCTE ने राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत समस्त भर्तीयों  के लिए जो नियमावली तय की थी ,उसने बेरोजगारों को खून के आंसू दिल दिए -
1. Ncte ने अपनी गाइड लाइंस में कहा कि अभ्यर्थी TET (Teacher Eligibility Test) परीक्षा में चाहे जितनी बार बैठ कर अपने Tet marks बढ़ा सकता है

2. टेट मार्क्स का वेटेज शिक्षक चयन में देना जरूरी है।

लेकिन हमारे सामने कई अभ्यर्थीयों ने प्रश्न ये
उठाये की जब एक बार TET परीक्षा पास कर ली (मान लीजिए जनरल केंडिडेट ने 60% मार्क्स के साथ पास कर ली) तो उसको दोबारा एग्जाम देकर मार्क्स बढ़ाने का कोई फायदा  तो यू पी सरकार, KVS, DSSSB, NVS दे नहीं रही,
तो हमारे साथ क्या  NCTE ने छल किया है

क्या UP GOVERMENT, KVS,NVS, DSSSB etc. अपनी मर्जी से NCTE की गाइड लाइंस तोड़ मरोड़ सकती हैं।

लेकिन इसके बाद हमारे ब्लॉग ने एक समाधान भी बताया कि टेट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद मिनिमम वेटेज के तौर पर आपको चयन प्रक्रिया में शामिल किया तो यह भी तो टेट वेटेज ही है,

लेकिन उसके बाद ये प्रश्न उठे की चयन प्रक्रिया में तो 60% मार्क्स हासिल करने के बाद ही योग्य हो गए थे, तो फिर दोबारा परीक्षा में बैठ कर अंक वृध्दि की NCTE गाइड लाइंस झूठी है क्या।

फिलहाल हमारा ब्लॉग इस पर नितरुत्तरित है,

हालाँकि उत्तर प्रदेश की  अजीबोगरीब दशा पर दूसरे प्रश्न भी उठे की अगर किसी ने UPTET 2011 परीक्षा दी ही नहीं तो फिर उसके मार्क्स के साथ UPTET 2013, CTET की मेरिट कैसे बनेगी, क्योंकि UPTET 2011 बेहद सरल और चुनावी टेट परीक्षा जैसी थी।

फिलहाल देश के उच्च और सर्वोच्च न्यायालय कई सालों से प्रक्रिया को सुलझाने लगे हैं।

बस अब बेरोजगारों को स्पष्ट नीति मिले , अब और धोखा नहीं,
वेसे भी बेरोजगारों के पास पैसे तो होते नहीं, और परीक्षाओं के नाम पर लूटखसोट बंद होनी चाहिए, परीक्षाए कराओ लेकिन  फीस बहुत कम होनी चाहिए
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