4347-4375/2014 मे उत्तर प्रदेश राज्य द्वारा सुप्रीम कोर्ट मे काउंटर फ़ाइल किया गया है । यह काउंटर 5
अक्टूबर 2016 की सुनवाई से 1 दिन पूर्व फ़ाइल किया गया । जिसमे वर्णित तथ्य निम्न प्रकार से हैं –
1- काउंटर एफ़िडेविट अजय कुमार सिंह पुत्र श्री राम चन्द्र गोप
द्वारा फ़ाइल किया गया गया है जो कि सचिव बेसिक शिक्षा , उत्तर
प्रदेश के पद पर तैनात हैं ।
2- 24-08-2016 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार एक सचिव को
एफ़िडेविट फ़ाइल करने का आदेश दिया था राज्य सरकार का कहना है
कि 30-11-2011 का विज्ञापन 72825 पदों के लिए था और सरकार
इस से अधिक पदों पर भर्ती करने की स्थिति मे नही है । राज्य
सरकार ने यह भी कहा है की इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने अपने आदेश जो
20-11-2013 को पारित किया गया उसमे 30-11-2011 के
विज्ञापन के अनुसार भर्ती करने को कहा था तथा 30-11-2011 के
विज्ञापन मे 72825 पदों पर ही भर्ती होनी थी ।
3- सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 25-03-2014 मे सुप्रीम कोर्ट ने
राज्य सरकार को 30-11-2011 के विज्ञापन के अनुसार 72825 पदों
पर भर्ती का आदेश जारी किया था , साथ ही साथ यह भी आदेश
पारित किया था की सिविल अपील के अंतिम निस्तारण के समय
नियुक्ति प्राप्त कोई अभ्यर्थी इक्विटि क्लेम नही कर सकेगा । राज्य
सरकार द्वारा इस भर्ती के संबंध मे लिए गए सभी निर्णय सिविल
अपील के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगे ।
4- सुप्रीम कोर्ट ने अपने 25-03-2014 के आदेश मे विशेष रूप से यह
साफ किया था की सरकार सिर्फ और सिर्फ उन्ही को नियुक्त करे जो
30-11-2011 के विज्ञापन के आवेदक हों । दिनांक 17-12-2014
को सुप्रीम कोर्ट ने ही यह आदेश दिया कि सामान्य वर्ग मे 105 तथा
आरक्षित वर्ग मे 97 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति
प्रदान कि जाए । 25-02-2015 के आदेश मे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश
दिया कि अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग वाले अभ्यर्थियों
को टी ई टी मे 90 अंक होने पर भी नियुक्त किया जाए ।
5- दिनांक 02-11-2015 को सुप्रीम कोर्ट ने 4 इशू निर्धारित किए
जिनके अनुसार अंतिम बहस होगी ।
# 1100_याची_मुद्दा –
6- दिनांक 07-12-2015 को यह मुद्दा अंतिम सुनवाई हेतु लिस्टेड था
जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने 1100 याचियों को ऍड-हॉक नियुक्त करने का
आदेश दिया जिस पर सरकार के अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोई
आपत्ति नही जताई । सभी ऍड-हॉक नियुक्तिया सिविल अपील के
अंतिम आदेश के अधीन है ।
7- सचिव , उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने दिनांक
07-12-2015 को सुप्रीम कोर्ट मे उपस्थित सभी अधिवक्ताओं को
अपने अपने याचियों की वास्तविक सूची मांगी । सूची मे से सिर्फ 862
लोगो को लिया गया अन्य लोगो के वकालतनामा सिविल अपील
4347-4375/14 मे दिनांक 7-12-2015 तक फ़ाइल न होने के कारण
वापस कर दिया गया । 09-02*2016 को शासनादेश जारी करते हुए
862 लोगो को adhoc पर नियुक्त किया गया ।
जिन 862 लोगो को नियुक्त किया गया उनमे से 95 अभ्यर्थी
30-11-2011 के विज्ञापन के आवेदक ही नही थे तथा 80 अभ्यर्थी
सामान्य वर्ग के हैं जिनके टी ई टी मे 105 से कम नंबर हैं , 171 लोग
आरक्षित वर्ग के हैं जिनके टी ई टी मे 90 से कम अंक हैं जो की कोर्ट
द्वारा निर्धारित पैरामीटर से भिन्न हैं ।
8- 862 लोगो मे से लगभग 27 अभ्यर्थी जो 14386/2015 के याची
है वो एनसीटीई की न्यूनतम अर्हताएँ पूरी नही करते हैं । इन 27
अभ्यर्थियों के स्नातक मे 45% से कम अंक हैं । इनके अधिवक्ता
संजय हेगड़े (सीनियर) हैं ।
9- दिनांक 7-12-2015 का याची लाभ 15 अधिवक्ताओं के याचियों
को दिया जाना था लेकिन सिर्फ 12 अधिवक्ताओं के याचियों को ही
दिया गया । कोर्ट ने 4 सप्ताह का समय दिया था लेकिन अधिवक्ता
अरविंद श्रीवास्तव , राजीव दुबे , अशोक कुमार शर्मा ने अपने याचियों
की लिस्ट फरवरी 2016 मे दी है इसलिए इनके याची कंसिडर नही किए
गए ।
10- कोर्ट द्वारा तय मानको व एनसीटीई एनसीटीई की न्यूनतम
अर्हताओं को दरकिनार करते हुए कोर्ट के आदेश के अनुपालन मे लोगो
को नियुक्ति दी गयी है जिसे आधार बना कर अन्य लोग हजारों की
संख्या मे याची लाभ मांग रहे हैं । रिक्त विज्ञापित पदों की संख्या कम
होने के कारण ऐसे लोगो की मांगो पर विचार नही किया जा सकता है ।
विशेष अनुज्ञा याचिका 2678/16 , 2847/16 और 3188/16 की
सुनवाई 18-02-2016 को अन्य बेंच मे हुई तथा रिक्त पद होने पर
याची लाभ देने का आदेश देते हुए कोर्ट ने सिविल अपील मे टैग कर
दिया ।
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ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
अक्टूबर 2016 की सुनवाई से 1 दिन पूर्व फ़ाइल किया गया । जिसमे वर्णित तथ्य निम्न प्रकार से हैं –
1- काउंटर एफ़िडेविट अजय कुमार सिंह पुत्र श्री राम चन्द्र गोप
द्वारा फ़ाइल किया गया गया है जो कि सचिव बेसिक शिक्षा , उत्तर
प्रदेश के पद पर तैनात हैं ।
2- 24-08-2016 को सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार एक सचिव को
एफ़िडेविट फ़ाइल करने का आदेश दिया था राज्य सरकार का कहना है
कि 30-11-2011 का विज्ञापन 72825 पदों के लिए था और सरकार
इस से अधिक पदों पर भर्ती करने की स्थिति मे नही है । राज्य
सरकार ने यह भी कहा है की इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने अपने आदेश जो
20-11-2013 को पारित किया गया उसमे 30-11-2011 के
विज्ञापन के अनुसार भर्ती करने को कहा था तथा 30-11-2011 के
विज्ञापन मे 72825 पदों पर ही भर्ती होनी थी ।
3- सुप्रीम कोर्ट के आदेश दिनांक 25-03-2014 मे सुप्रीम कोर्ट ने
राज्य सरकार को 30-11-2011 के विज्ञापन के अनुसार 72825 पदों
पर भर्ती का आदेश जारी किया था , साथ ही साथ यह भी आदेश
पारित किया था की सिविल अपील के अंतिम निस्तारण के समय
नियुक्ति प्राप्त कोई अभ्यर्थी इक्विटि क्लेम नही कर सकेगा । राज्य
सरकार द्वारा इस भर्ती के संबंध मे लिए गए सभी निर्णय सिविल
अपील के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगे ।
4- सुप्रीम कोर्ट ने अपने 25-03-2014 के आदेश मे विशेष रूप से यह
साफ किया था की सरकार सिर्फ और सिर्फ उन्ही को नियुक्त करे जो
30-11-2011 के विज्ञापन के आवेदक हों । दिनांक 17-12-2014
को सुप्रीम कोर्ट ने ही यह आदेश दिया कि सामान्य वर्ग मे 105 तथा
आरक्षित वर्ग मे 97 अंक पाने वाले अभ्यर्थियों को ही नियुक्ति
प्रदान कि जाए । 25-02-2015 के आदेश मे सुप्रीम कोर्ट ने आदेश
दिया कि अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग वाले अभ्यर्थियों
को टी ई टी मे 90 अंक होने पर भी नियुक्त किया जाए ।
5- दिनांक 02-11-2015 को सुप्रीम कोर्ट ने 4 इशू निर्धारित किए
जिनके अनुसार अंतिम बहस होगी ।
# 1100_याची_मुद्दा –
6- दिनांक 07-12-2015 को यह मुद्दा अंतिम सुनवाई हेतु लिस्टेड था
जिसमे सुप्रीम कोर्ट ने 1100 याचियों को ऍड-हॉक नियुक्त करने का
आदेश दिया जिस पर सरकार के अधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोई
आपत्ति नही जताई । सभी ऍड-हॉक नियुक्तिया सिविल अपील के
अंतिम आदेश के अधीन है ।
7- सचिव , उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद ने दिनांक
07-12-2015 को सुप्रीम कोर्ट मे उपस्थित सभी अधिवक्ताओं को
अपने अपने याचियों की वास्तविक सूची मांगी । सूची मे से सिर्फ 862
लोगो को लिया गया अन्य लोगो के वकालतनामा सिविल अपील
4347-4375/14 मे दिनांक 7-12-2015 तक फ़ाइल न होने के कारण
वापस कर दिया गया । 09-02*2016 को शासनादेश जारी करते हुए
862 लोगो को adhoc पर नियुक्त किया गया ।
जिन 862 लोगो को नियुक्त किया गया उनमे से 95 अभ्यर्थी
30-11-2011 के विज्ञापन के आवेदक ही नही थे तथा 80 अभ्यर्थी
सामान्य वर्ग के हैं जिनके टी ई टी मे 105 से कम नंबर हैं , 171 लोग
आरक्षित वर्ग के हैं जिनके टी ई टी मे 90 से कम अंक हैं जो की कोर्ट
द्वारा निर्धारित पैरामीटर से भिन्न हैं ।
8- 862 लोगो मे से लगभग 27 अभ्यर्थी जो 14386/2015 के याची
है वो एनसीटीई की न्यूनतम अर्हताएँ पूरी नही करते हैं । इन 27
अभ्यर्थियों के स्नातक मे 45% से कम अंक हैं । इनके अधिवक्ता
संजय हेगड़े (सीनियर) हैं ।
9- दिनांक 7-12-2015 का याची लाभ 15 अधिवक्ताओं के याचियों
को दिया जाना था लेकिन सिर्फ 12 अधिवक्ताओं के याचियों को ही
दिया गया । कोर्ट ने 4 सप्ताह का समय दिया था लेकिन अधिवक्ता
अरविंद श्रीवास्तव , राजीव दुबे , अशोक कुमार शर्मा ने अपने याचियों
की लिस्ट फरवरी 2016 मे दी है इसलिए इनके याची कंसिडर नही किए
गए ।
10- कोर्ट द्वारा तय मानको व एनसीटीई एनसीटीई की न्यूनतम
अर्हताओं को दरकिनार करते हुए कोर्ट के आदेश के अनुपालन मे लोगो
को नियुक्ति दी गयी है जिसे आधार बना कर अन्य लोग हजारों की
संख्या मे याची लाभ मांग रहे हैं । रिक्त विज्ञापित पदों की संख्या कम
होने के कारण ऐसे लोगो की मांगो पर विचार नही किया जा सकता है ।
विशेष अनुज्ञा याचिका 2678/16 , 2847/16 और 3188/16 की
सुनवाई 18-02-2016 को अन्य बेंच मे हुई तथा रिक्त पद होने पर
याची लाभ देने का आदेश देते हुए कोर्ट ने सिविल अपील मे टैग कर
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