इलाहाबाद (ब्यूरो)। शिक्षामित्रों को टीईटी की अनिवार्यता से छूट मिलने संबंधी एनसीटीई परिपत्र से शिक्षा मित्रों में बेशक खुशी है पर इसे लेकर तमाम सवाल अभी भी ऐसे हैं जिनके जवाब नहीं मिल रहे। ऐसे में शिक्षामित्र फिर से सहायक अध्यापक बन सकेंगे या नहीं यह सवाल अभी भी अनुत्तरित ही रह जाता है।
जानकारों का मानना है कि एनसीटीई ने जो पत्र मुख्य सचिव को भेजा है उसमें नया कुछ नहीं है बल्कि पुरानी व्यवस्था का ही स्पष्टीकरण दिया गया है। जानकार इसे 12 सितंबर को हाईकोर्ट के निर्णय से जोड़कर देखते हैं। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में तमाम ऐसे बातों को स्पष्ट किया है जिसे देखते हुए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए जाने में की राह में अभी भी तमाम अड़चनें हैं।
हाईकोर्ट प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को समायोजित करने संबंधी संशोधन भी रद्द कर चुका है। एनसीटीई ने अपने पत्र में साफ किया है शिक्षा मित्रों को किसप्रकार से नियुक्ति दी जाएगी यह मोड राज्य सरकार ही तय करेगी। ऐसे में यदि राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को अध्यापक बनाने की प्रक्रिया नए सिरे से प्रारंभ करती है तो वह 25 अगस्त 2010 के बाद की गई नियुक्ति ही मानी जाएगी जिसे टीईटी की अनिवार्यता से छूट नहीं दी गई है।
अधिवक्ता नवीन शर्मा भी इस तर्क से सहमत हैं। उनका कहना है कि एनसीटीई के पत्र में ऐसा कुछ नया नहीं है।
एनसीटीई के नोटिफिकेशन पर जानकार उठा रहे सवाल
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जानकारों का मानना है कि एनसीटीई ने जो पत्र मुख्य सचिव को भेजा है उसमें नया कुछ नहीं है बल्कि पुरानी व्यवस्था का ही स्पष्टीकरण दिया गया है। जानकार इसे 12 सितंबर को हाईकोर्ट के निर्णय से जोड़कर देखते हैं। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में तमाम ऐसे बातों को स्पष्ट किया है जिसे देखते हुए शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाए जाने में की राह में अभी भी तमाम अड़चनें हैं।
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हाईकोर्ट प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षामित्रों को समायोजित करने संबंधी संशोधन भी रद्द कर चुका है। एनसीटीई ने अपने पत्र में साफ किया है शिक्षा मित्रों को किसप्रकार से नियुक्ति दी जाएगी यह मोड राज्य सरकार ही तय करेगी। ऐसे में यदि राज्य सरकार शिक्षा मित्रों को अध्यापक बनाने की प्रक्रिया नए सिरे से प्रारंभ करती है तो वह 25 अगस्त 2010 के बाद की गई नियुक्ति ही मानी जाएगी जिसे टीईटी की अनिवार्यता से छूट नहीं दी गई है।
अधिवक्ता नवीन शर्मा भी इस तर्क से सहमत हैं। उनका कहना है कि एनसीटीई के पत्र में ऐसा कुछ नया नहीं है।
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