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शिक्षामित्र समायोजन केस के अनुत्तरित प्रश्न? पैरवीकरों ने हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए गए समायोजन को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाली

माननीय सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान कोर्ट पैरवीकरों ने हाई कोर्ट द्वारा रद्द किए गए समायोजन को बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं डाली हैं

उक्त हाई कोर्ट आर्डर ने कुछ प्रश्न खड़े किये जिन का जवाब सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने पर समायोजन बहाल होने की गारंटी हो सकती है। ऐसा मिशन सुप्रीम कोर्ट के रबी बहार, केसी सोनकर, माधव गंगवार और साथी मानते हैं।

प्रश्न निम्नवत हैं।
1. हाई कोर्ट ने कहा शिक्षामित्र एक योजना के सामुदायिक सेवक हैं क्योंकि ये बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में शिक्षक के रूप में दर्ज नहीं हैं
राज्य सरकार:- शिक्षामित्र 1972 अधिनियम की धारा 10 के अनुसार शिक्षक हैं और 14 वर्षो से कार्यरत हैं।
सभी संघ:- हम भी राज्य के कथन का अनुसरण करते हैं।
संयक्त टीम उर्फ़ संघ:- शिक्षामित्र पंचायती राज एक्ट और अनुच्छेद 162 के अधीन संविदा कर्मी शिक्षक की श्रेणी में आते हैं। हम राज्य के कथन का अनुसरण भी करते हैं।
मिशन सुप्रीम कोर्ट:- शिक्षामित्र पूर्व नियुक्त शिक्षक हैं। और आरटीई एक्ट के दायरे में आते हैं। सम्बंधित साक्ष्य और शासनादेश पेश हैं।
2. शिक्षामित्र समायोजन में आरटीई एक्ट की धारा 38 का प्रयोग अवैध है ये राज्य का केंद्रीय कानून पर अतिक्रमण है।
राज्य सरकार:- हमने समायोजन धारा 38 के अधीन राज्य की शक्ति का प्रयोग कर किया है और ये राज्य का अधिकार है।
सभी संघ:- हम इस मामले में राज्य का अनुसरण करते हैं। ये सही है।
संयुक्त टीम उर्फ़ संघ:- हम भी राज्य सरकार के कथन का अनुसरण करते हैं। ये ही सही है।
मिशन सुप्रीम कोर्ट:- हम इस मामले में राज्य सरकार के कथन का अनुसरण नहीं करते हैं।
ये आरटीई एक्ट में नियमोँ के अस्पष्ट होने के कारण हुआ। तथापि समायोजन केंद्रीय कानून के अनुसार वैध है। सम्बंधित साक्ष्य और नजीरें प्रस्तुत हैं।
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