माननीय सर्वोच्च न्यायालय के नाम खुला पत्र। देश की कार्यपालिका को सही दिशा देने के लिए माननीय सर्वोच्च न्यायालय सदैव श्री कृष्ण की भूमिका निभाता रहा है। और इस बार भी शिक्षामित्रों के पौने दो लाख परिवारों के साथ न्याय कर के उनका मान बढ़ाएगा।
हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि
आप के द्वारा निर्णीत उन्नीकृष्णन केस के कारण ही देश में 86 वां संविधान संशोधन किया गया और सब के लिए शिक्षा परियोजना शुरू कर के छात्र शिक्षक अनुपात बनाने के लिए एसएसए शिक्षकों अर्थात पैरा शिक्षकों की व्यवस्था राज्य सरकारों द्वारा की गई।
यहाँ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबंधन विश्वविद्यालय, भारत सरकार व् एनसीईआरटी ने एसएसए के तहत सर्वे रिपोर्ट जारी कर ये बताया कि देश में बुन्यादी शिक्षा को इन्ही लोगों ने संभाल रखा है। और ये लोग ही हैं जो देश में संविधान अनुच्छेद 21क को लागू करवाने के लिए खून पसीना बहा रहे हैं और बदले में 2 से 3 हज़ार रूपये पा रहे हैं।
हम पुनः आप के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 21 क को लागु करवाने के उद्देश्य से देश में 1 अप्रैल 2010 को आरटीई एक्ट लागू किया गया। और इसके लागू करने से पूर्व ही शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित कर शिक्षक बनाने का मसौदा तैयार किया गया।
और इसके लिए भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ही व्यवस्था दी। उपेन्द्र राय केस में आप के द्वारा एनसीटीई को शिक्षक की योग्यता तै करने का अधिकार छीन लिया। और फिर केंद्र सरकार ने एनसीटीई को शैक्षिक प्राधिकारी बनाने की व्यवस्था की और एनसीटीई एक्ट 1993 में संशोधन कर सेक्शन 12क जोड़ा और 32डीडी में संशोधन कर के शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया।
हम ये भी आप के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि बीएड को आप के द्वारा विभिन्न केसेस में प्राथमिक शिक्षा के लिए अवैध घोषित किया जा चुका है।
साथ ही एनसीटीई द्वारा ने भी बीएड को ये कह कर अवैध बताया है कि
Note :
For appointment of teachers for primary classes, basic teachers’ training programme of 2 years’ duration is required. B.Ed. is not a substitute for basic teachers’ training programme.
इलाहबाद उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा जिसे आप के ही द्वारा गठित करने का निर्देश दिया था उक्त पीठ ने भी बीएड को प्राथमिक शिक्षा में अवैध घुसपैठ बताया है
और इनको बेसिक में शिक्षक बनने के लिए 31 मार्च 2014 तक ही छूट दी गई है। क्योंकि राज्य का कहना था प्रदेश में शिक्षामित्रों के शिक्षक बना देने के बाद भी आरटीई मानक अनुसार शिक्षकों की कमी है
अतः राज्य को बीएड भर्ती की छूट दी जाये। और मज़बूरीवश केंद्र सरकार को छूट देना पड़ी। टेट में हुआ भ्रष्टाचार और फर्जीबाड़ा आप के संज्ञान में है ही।
इस सब के बावजूद बीएड धारक माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश महोदय पर मानसिक दवाब डालने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। कृपया प्रकरण का संज्ञान लेकर कठोर कार्यवाही करने की कृपा करें।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खोला भर्तियों का पिटारा,10 हजार शिक्षक भर्ती दिसम्बर से, बढ़ सकते हैं पद
- UGC NET-2017 असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का मौका, 16 तक करें आवेदन
- 12000 परिषदीय शिक्षकों की भर्ती चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले
- बीटीसी - टीईटी पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति नवम्बर माह में शुरू होने की उम्मीद, सचिव ने रिक्त पदों का मांगा व्यौरा
- त्यौहारी मूड में सबके साथ आज विशेष ! गणेश शंकर दीक्षित . टीईटी संघर्ष मोर्चा ,यू.पी.
हम माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि
आप के द्वारा निर्णीत उन्नीकृष्णन केस के कारण ही देश में 86 वां संविधान संशोधन किया गया और सब के लिए शिक्षा परियोजना शुरू कर के छात्र शिक्षक अनुपात बनाने के लिए एसएसए शिक्षकों अर्थात पैरा शिक्षकों की व्यवस्था राज्य सरकारों द्वारा की गई।
- 5 अक्टूबर सुनवाई : SCERT द्वारा भेजे गए आंकड़े के आधार पर जमा की गई रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट में 1.37 लाख शिक्षामित्रों के साथ साथ 72825 शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को भी हो सकता है खतरा
- UP Election 2017 : इन कारणों से सपा सरकार हो सकती हैं सत्ता से दूर
- अचयनित के मध्य हो रही उथल-पुथल के लिए एक सुझाव देना अत्यंत आवश्यक : हिमांशु राणा
- TET NEWS : 05 Oct याचियों की संख्या 68000 , 72825 एकेडमिक शिक्षक भर्ती बहाल होने की संभावना प्रबल : Neeraj Rai
यहाँ उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय शैक्षिक प्रबंधन विश्वविद्यालय, भारत सरकार व् एनसीईआरटी ने एसएसए के तहत सर्वे रिपोर्ट जारी कर ये बताया कि देश में बुन्यादी शिक्षा को इन्ही लोगों ने संभाल रखा है। और ये लोग ही हैं जो देश में संविधान अनुच्छेद 21क को लागू करवाने के लिए खून पसीना बहा रहे हैं और बदले में 2 से 3 हज़ार रूपये पा रहे हैं।
हम पुनः आप के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि संविधान के अनुच्छेद 21 क को लागु करवाने के उद्देश्य से देश में 1 अप्रैल 2010 को आरटीई एक्ट लागू किया गया। और इसके लागू करने से पूर्व ही शिक्षामित्रों को प्रशिक्षित कर शिक्षक बनाने का मसौदा तैयार किया गया।
और इसके लिए भी माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने ही व्यवस्था दी। उपेन्द्र राय केस में आप के द्वारा एनसीटीई को शिक्षक की योग्यता तै करने का अधिकार छीन लिया। और फिर केंद्र सरकार ने एनसीटीई को शैक्षिक प्राधिकारी बनाने की व्यवस्था की और एनसीटीई एक्ट 1993 में संशोधन कर सेक्शन 12क जोड़ा और 32डीडी में संशोधन कर के शिक्षामित्रों को शिक्षक के रूप में स्वीकार कर लिया।
हम ये भी आप के संज्ञान में लाना चाहते हैं कि बीएड को आप के द्वारा विभिन्न केसेस में प्राथमिक शिक्षा के लिए अवैध घोषित किया जा चुका है।
साथ ही एनसीटीई द्वारा ने भी बीएड को ये कह कर अवैध बताया है कि
Note :
For appointment of teachers for primary classes, basic teachers’ training programme of 2 years’ duration is required. B.Ed. is not a substitute for basic teachers’ training programme.
इलाहबाद उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ द्वारा जिसे आप के ही द्वारा गठित करने का निर्देश दिया था उक्त पीठ ने भी बीएड को प्राथमिक शिक्षा में अवैध घुसपैठ बताया है
और इनको बेसिक में शिक्षक बनने के लिए 31 मार्च 2014 तक ही छूट दी गई है। क्योंकि राज्य का कहना था प्रदेश में शिक्षामित्रों के शिक्षक बना देने के बाद भी आरटीई मानक अनुसार शिक्षकों की कमी है
अतः राज्य को बीएड भर्ती की छूट दी जाये। और मज़बूरीवश केंद्र सरकार को छूट देना पड़ी। टेट में हुआ भ्रष्टाचार और फर्जीबाड़ा आप के संज्ञान में है ही।
इस सब के बावजूद बीएड धारक माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश महोदय पर मानसिक दवाब डालने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। कृपया प्रकरण का संज्ञान लेकर कठोर कार्यवाही करने की कृपा करें।
- अंतर्जनपदीय ट्रान्सफर के दौरान इस महत्वपूर्ण दस्तावेज की भी पड़ेगी जरूरत,क्लिक कर डाउनलोड करें अदेय प्रमाण पत्र
- अति महत्वपूर्ण : पति-पत्नी दोनों के सरकारी सेवा में कार्यरत होने पर,नियुक्ति के समय एक ही स्थान पर यथासंभव रखने के सम्बन्ध में राज्यपाल महोदय के आदेश से सचिव एवं आयुक्त ने जारी किया आदेश । क्लिक कर डाउनलोड करें
- शिक्षामित्रों की परिवर्धित विशेष अनुज्ञा याचिका से बदल जायेगा 27 जुलाई को केस का रुख: मिशन सुप्रीम कोर्ट
- नियम ताख पर, सम्बद्ध वाले स्कूल पहुँच रहे शिक्षक, निरीक्षण में खुली पोल
- महज 80 हजार सीटों पर तीन लाख 63 हजार से अधिक दावेदार
- अदालत का फैसला : शिक्षक बनने के लिए टेट पास करना जरूरी नहीं , देखिये कोर्ट ऑर्डर
- शिक्षिका बनाम बेसिक शिक्षा विभाग की अगली सुनवाई तक तलाक की अर्जी पर कोर्ट ने लगा दिया स्टे
- शिक्षा मित्रों के नाम संदेश : गाजी इमाम आला
- जनसूचना मांगने से मास्टरों के फूले हाथ पैर : ब्लॉक के स्कूलों से पिछले 10 बर्ष का समस्त रिकॉर्ड किया तलब
- प्रदेश के तीन लाख शिक्षकों को अखिलेश सरकार ने दिया तोहफा, आदेश जारी, बेसिक शिक्षा परिषद ने मांगा 500 करोड़ का बजट
- खत्म हुआ इंतजार, अगस्त से मिलेगी 'ज्यादा' सैलरी! केंद्रीय कार्मिको को
- सातवें वेतन आयोग से नाखुश राज्य कर्मचारियों ने घेरा सीएम का ऑफिस, सरकार ने मानी सिर्फ दो मांगे
- 7th pay commission : सातवाँ वेतन आयोग लागू होने पर कितना होगा आपका नया वेतन, जानिए इस आसान तरीके से
- Breaking News : शिक्षामित्रों के दूरस्थ बीटीसी प्रशिक्षण के खिलाफ दर्जनों लोगों की याचिकाएं ख़ारिज
- Breaking News : 15 जुलाई को शिक्षामित्रों की ट्रेनिंग के खिलाफ लगी याचिका पर सुनवाई नहीं
- खुशखबरी : खत्म हुआ इंतजार, नए वेतन आयोग के हिसाब से अगस्त में मिलेगी सैलरी! नोटिफिकेशन इसी हफ्ते या अगले हफ्ते होगा जारी!
- बेसिक विद्यालय प्रात: आठ बजे की बाजाय सात से 12 बजे तक खोले जाने के निर्देश
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments