9,330 शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़ा, नपेंगे अफसर, बाबू

जागरण संवाददाता, मैनपुरी : बेसिक शिक्षा विभाग में 28 माह पहले हुई दस हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में 13 शिक्षक फर्जी मिलने के बाद खलबली मच गई है। नियुक्त शिक्षकों के न केवल काउंसि¨लग रजिस्टर बल्कि अन्य दस्तावेज भी गायब हैं।
ऐसे में अफसरों और विभागीय लिपिकों के खिलाफ एफआइआर की तैयारी शुरू हो गई है। अगस्त 2014 में 10 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के तहत जिले में 114 सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हुई थी। इन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के साथ ही वेतन और एरियर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। 15 दिन पहले शिकायत पर जांच शुरू हुई तो हैरान कर देने वाला मामला सामने आया। जांच में 11 शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा प्रमाण पत्र फर्जी मिले, जबकि जबकि दो शिक्षकों के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के प्रमाण पत्र फर्जी मिले। नियुक्ति प्रक्रिया तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षाधिकारी प्रदीप कुमार के कार्यकाल में हुई थी। रजिस्टर गायब होने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग एक-दो दिन में तत्कालीन अधिकारी और संबंधित लिपिकों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराएगा।
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एक साल पहले हुई 9,330 शिक्षक भर्ती की जांच शुरू हो गई है। दो दिन के अंदर इस नियुक्ति प्रक्रिया में नियुक्त हुए शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच होने की पूरी उम्मीद है। इस भर्ती की जांच पूरी होने के बाद शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बने लोगों के भी दस्तावेजों की जांच होगी।
'जिलाधिकारी ने काउंसि¨लग रजिस्टर गायब होने और फर्जी शिक्षक नियुक्त होने में जिम्मेदार अधिकारियों और विभागीय लिपिकों के विरुद्ध एफआइआर कराने के आदेश दिए हैं। विभाग जल्द ही आगे की कार्रवाई करेगा।'

रामकरन यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।
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