नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक जनवरी 2017 से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए अतिरिक्त 2 प्रतिशत महंगाई भत्ता एवं महंगाई राहत को मंजूरी दे दी है।
श्रमिक संगठन हालांकि इस प्रस्तावित वृद्धि से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे मूल्यवृद्धि के वास्तविक असर की भरपाई करने में मदद नहीं मिलेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंपलॉइज के अध्यक्ष केकेएन कुट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहमति वाले फॉर्मूला के तहत महंगाई भत्ते में दो फीसदी की वृद्धि की गई है। यह एक जनवरी, 2017 से प्रभावी होगी।
हालांकि, कुट्टी ने इतनी मामूली वृद्धि पर निराशा जताते हुए कहा कि महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए बेंचमार्क माना जाने वाले औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से दूर है।
उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में कितनी बढ़ोतरी हुई है उसको लेकर श्रम ब्यूरो और कृषि मंत्रालय में मतभेद है। सहमति वाले फॉर्मूले के तहत केंद्र महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी खुदरा मुद्रास्फीति के 12 माह के औसत के आधार पर करता है।
सरकार दशमलव बिंदु के बाद मूल्यवृद्धि पर विचार नहीं करता। ऐसे में यह वृद्धि 2.95 प्रतिशत बैठने के बावजूद सरकार महंगाई भत्ते को दो फीसदी बढ़ा रही है।
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श्रमिक संगठन हालांकि इस प्रस्तावित वृद्धि से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि इससे मूल्यवृद्धि के वास्तविक असर की भरपाई करने में मदद नहीं मिलेगी।
कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एंपलॉइज के अध्यक्ष केकेएन कुट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार के सहमति वाले फॉर्मूला के तहत महंगाई भत्ते में दो फीसदी की वृद्धि की गई है। यह एक जनवरी, 2017 से प्रभावी होगी।
हालांकि, कुट्टी ने इतनी मामूली वृद्धि पर निराशा जताते हुए कहा कि महंगाई भत्ता बढ़ाने के लिए बेंचमार्क माना जाने वाले औद्योगिक श्रमिकों का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक वास्तविकता से दूर है।
उन्होंने कहा कि जिंस कीमतों में कितनी बढ़ोतरी हुई है उसको लेकर श्रम ब्यूरो और कृषि मंत्रालय में मतभेद है। सहमति वाले फॉर्मूले के तहत केंद्र महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी खुदरा मुद्रास्फीति के 12 माह के औसत के आधार पर करता है।
सरकार दशमलव बिंदु के बाद मूल्यवृद्धि पर विचार नहीं करता। ऐसे में यह वृद्धि 2.95 प्रतिशत बैठने के बावजूद सरकार महंगाई भत्ते को दो फीसदी बढ़ा रही है।
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