📣📣📣📣सभी शिक्षामित्र संगठनों से विशेष अपील🙏🙏🙏🙏
जो आज अपनी कोई भी ब्रेफिग वकीलों के साथ करें उसमें कुछ महत्वपूर्ण विशेष मुद्दों को ध्यान में रखें जो निम्नवत है ÷ साथियों अब हमें कोर्ट में अपना बचाव पक्ष ना रखकर एक आक्रमण रूप को धारण करना है जिसमें हम को कोर्ट में वकीलों के माध्यम से यह साबित करना है कि हम आयोग नहीं है बल्कि हमें एक साजिश के तहत आयोग दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है
इस कूचक्कर को हमें कोर्ट मे अपनी आक्रमकता के हिसाब तोड़ना होगा इसके लिए कुछ बिंदु हमें अपने वकीलों के साथ ब्रीफिग करते समय कोर्ट में विशेष ध्यान के साथ समझाने होंगे जिससे कि बहस करते समय हमारे पक्ष के वकील उन बिंदुओं को कोर्ट में मजबूती के साथ रखें ।
गजट के बिंदु निम्नवत हैं जिन्हें प्रमुखता के साथ उठाया जाए
1- 25 अगस्त 2010 दिन बुधवार को भारत सरकार की एक अधिसूचना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से जारी हुई थी इसमें बिल्कुल स्पष्ट लिखा हुआ है की कक्षा 1 से 8 तक में अध्यापक के रूप में नियुक्ति की पात्रता हेतु निम्नलिखित योगिता बी टी सी निर्धारित करती है |
गजट की क्रम संख्या -4 पर विशेष ध्यान दें जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि इस अधिसूचना की तिथि से पहले से नियुक्त अध्यापक को कक्षा 1 से 8 तक के लिए निम्नलिखित श्रेणी के अध्यापक को उपयुक्त पैरा 1 में से निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की आवश्यकता नहीं है |
गजट के बिंदु- 5 में कुछ मामलों में इस अधिसूचना की तिथि के बाद नियुक्त अध्यापक -इस अधिसूचना की तिथि से पूर्व यदि सरकारों अथवा स्थानीय प्राधिकारियों अथवा विद्यालयों द्वारा विज्ञापन जारी कर अध्यापक की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है ऐसी स्थिति में नियुक्तियां राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता का निर्धारण विनियम ,2001 (समय-समय पर यथासंशोधित) के अनुसार की जा सकती है और राज्य सरकार ने अपने इसी अधिकार के तहत ही शिक्षामित्रों का समायोजन किया है ।
2- इसी परिपेक्ष में जब हम लोगों का समायोजन हो रहा था तब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 28 फरवरी सन 2014 को उत्तर प्रदेश सरकार को अनट्रेंड टीचरों को टीईटी से छूट के संबंध में एक निर्देश पत्र जारी किया था जो तत्कालीन सचिव नितेश्वर कुमार के नाम जारी हुआ था जिस पत्र पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से डॉक्टर एस के चौहान के हस्ताक्षर से जारी हुआ है इस पत्र की पुष्टि के लिए शिक्षामित्र अटेंड टीचर की श्रेणी में आते हैं कि नहीं आते हैं इसके लिए 14 जनवरी 2011 का NCET का वो पत्र संज्ञान लेने हेतु तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत जी के नाम से NCETके डायरेक्टर विक्रम सहाय के हस्ताक्षर से जारी हुआ था जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि जो शिक्षा मित्र अनट्रेंड टीचर (ग्रेजुएट शिक्षामित्र) उस पत्र की परिभाषा से यह स्पष्ट होता है ग्रेजुएट शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर की श्रेणी में ही आते हैं इसी के साथ NCETकी ओर से एक उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक रंजन जी के नाम से जारी हुआ था जिस पर NCET के मेंबर ऑफ़ सेक्रेटरी ज्वाला सिंह के हस्ताक्षर हैं जिस पर स्पष्ट लिखा हुआ है रिलेक्सेशन इन टेट फोर शिक्षामित्र हु हेव फास्ट 2 ईयर बीटीसी डिप्लोमा प्रोग्राम लिखा हुआ है ।
निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व इसकी जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्कालीन डायरेक्टर विक्रम सहाय जी ने भी दी थी कि जो भी प्रक्रिया होगी उसको पूर्ण कर इन्हें भी पूर्णकालिक शिक्षक बनाया जाएगा ।
उपरोक्त सभी बिंदुओं को ब्रीफिग में वकीलों के समक्ष अवश्य रखा जाए जिससे कि कल होने वाली सुनवाई में इन बिंदुओं को कोर्ट के समक्ष उठाएं तो निश्चित ही हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हमारा समायोजन 100 % बहाल होगा और हमें अपने मान सम्मान का अधिकार प्राप्त होगा |
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय शिक्षक....
जय शिक्षामित्र .....
आपका÷
उमेशकुमार शौली
(जिला महामन्त्री)
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ,जनपद- संभल
✍चौ•धर्मवीर सिंह
(जिला मीडिया प्रभारी)
(जनपद-सम्भल)
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
जो आज अपनी कोई भी ब्रेफिग वकीलों के साथ करें उसमें कुछ महत्वपूर्ण विशेष मुद्दों को ध्यान में रखें जो निम्नवत है ÷ साथियों अब हमें कोर्ट में अपना बचाव पक्ष ना रखकर एक आक्रमण रूप को धारण करना है जिसमें हम को कोर्ट में वकीलों के माध्यम से यह साबित करना है कि हम आयोग नहीं है बल्कि हमें एक साजिश के तहत आयोग दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है
इस कूचक्कर को हमें कोर्ट मे अपनी आक्रमकता के हिसाब तोड़ना होगा इसके लिए कुछ बिंदु हमें अपने वकीलों के साथ ब्रीफिग करते समय कोर्ट में विशेष ध्यान के साथ समझाने होंगे जिससे कि बहस करते समय हमारे पक्ष के वकील उन बिंदुओं को कोर्ट में मजबूती के साथ रखें ।
गजट के बिंदु निम्नवत हैं जिन्हें प्रमुखता के साथ उठाया जाए
1- 25 अगस्त 2010 दिन बुधवार को भारत सरकार की एक अधिसूचना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से जारी हुई थी इसमें बिल्कुल स्पष्ट लिखा हुआ है की कक्षा 1 से 8 तक में अध्यापक के रूप में नियुक्ति की पात्रता हेतु निम्नलिखित योगिता बी टी सी निर्धारित करती है |
गजट की क्रम संख्या -4 पर विशेष ध्यान दें जिसमें स्पष्ट लिखा हुआ है कि इस अधिसूचना की तिथि से पहले से नियुक्त अध्यापक को कक्षा 1 से 8 तक के लिए निम्नलिखित श्रेणी के अध्यापक को उपयुक्त पैरा 1 में से निर्धारित न्यूनतम योग्यता हासिल करने की आवश्यकता नहीं है |
गजट के बिंदु- 5 में कुछ मामलों में इस अधिसूचना की तिथि के बाद नियुक्त अध्यापक -इस अधिसूचना की तिथि से पूर्व यदि सरकारों अथवा स्थानीय प्राधिकारियों अथवा विद्यालयों द्वारा विज्ञापन जारी कर अध्यापक की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है ऐसी स्थिति में नियुक्तियां राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद स्कूलों में अध्यापकों की भर्ती के लिए न्यूनतम योग्यता का निर्धारण विनियम ,2001 (समय-समय पर यथासंशोधित) के अनुसार की जा सकती है और राज्य सरकार ने अपने इसी अधिकार के तहत ही शिक्षामित्रों का समायोजन किया है ।
2- इसी परिपेक्ष में जब हम लोगों का समायोजन हो रहा था तब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद ने 28 फरवरी सन 2014 को उत्तर प्रदेश सरकार को अनट्रेंड टीचरों को टीईटी से छूट के संबंध में एक निर्देश पत्र जारी किया था जो तत्कालीन सचिव नितेश्वर कुमार के नाम जारी हुआ था जिस पत्र पर राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद की ओर से डॉक्टर एस के चौहान के हस्ताक्षर से जारी हुआ है इस पत्र की पुष्टि के लिए शिक्षामित्र अटेंड टीचर की श्रेणी में आते हैं कि नहीं आते हैं इसके लिए 14 जनवरी 2011 का NCET का वो पत्र संज्ञान लेने हेतु तत्कालीन बेसिक शिक्षा सचिव अनिल संत जी के नाम से NCETके डायरेक्टर विक्रम सहाय के हस्ताक्षर से जारी हुआ था जिसमें उन्होंने स्पष्ट उल्लेख किया है कि जो शिक्षा मित्र अनट्रेंड टीचर (ग्रेजुएट शिक्षामित्र) उस पत्र की परिभाषा से यह स्पष्ट होता है ग्रेजुएट शिक्षामित्र अनट्रेंड टीचर की श्रेणी में ही आते हैं इसी के साथ NCETकी ओर से एक उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव आलोक रंजन जी के नाम से जारी हुआ था जिस पर NCET के मेंबर ऑफ़ सेक्रेटरी ज्वाला सिंह के हस्ताक्षर हैं जिस पर स्पष्ट लिखा हुआ है रिलेक्सेशन इन टेट फोर शिक्षामित्र हु हेव फास्ट 2 ईयर बीटीसी डिप्लोमा प्रोग्राम लिखा हुआ है ।
निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने से पूर्व इसकी जानकारी मानव संसाधन विकास मंत्रालय के तत्कालीन डायरेक्टर विक्रम सहाय जी ने भी दी थी कि जो भी प्रक्रिया होगी उसको पूर्ण कर इन्हें भी पूर्णकालिक शिक्षक बनाया जाएगा ।
उपरोक्त सभी बिंदुओं को ब्रीफिग में वकीलों के समक्ष अवश्य रखा जाए जिससे कि कल होने वाली सुनवाई में इन बिंदुओं को कोर्ट के समक्ष उठाएं तो निश्चित ही हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि हमारा समायोजन 100 % बहाल होगा और हमें अपने मान सम्मान का अधिकार प्राप्त होगा |
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
जय शिक्षक....
जय शिक्षामित्र .....
आपका÷
उमेशकुमार शौली
(जिला महामन्त्री)
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ,जनपद- संभल
✍चौ•धर्मवीर सिंह
(जिला मीडिया प्रभारी)
(जनपद-सम्भल)
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
0 Comments