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मयंक तिवारी : यहाँ से आगे की लड़ाई के दो तरीके है पहला रिब्यु और दूसरा तरीका डायरेक्शन पिटीशन

राम राम साथियों ,  कुछ बातें है जिन्हें में क्रमबद्ध तरीके के साथ रखना चाहूँगा। 25जुलाई को आये आदेश के बाद से तरह-तरह की प्रतिक्रिया और तरह-तरह की योजनायें सामने आ रही हैं। निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हमारे सभी अचयनित साथी आज दो राहे पर खड़े है।

कोर्ट ने योग्यता पूरी ना करने वाले शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद से बाहर का रास्ता तो दिखाया लेकिन योग्यता और मानक पूरा करने वाले बीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों को अंदर आने की बात नही कही।
अब यहाँ से आगे की लड़ाई के दो तरीके है पहला रिब्यु दाखिल की जाये और फिर संविधान पीठ जाया जाए और दूसरा तरीका डायरेक्शन पिटीशन दाखिल की जाये और दिशा निर्देश ना मिलने पर पुनः हाइकोर्ट में आर्टिकल226 से रिट दाखिल की जाये।
पहला प्रश्न उठता है रिब्यु का तो सभी निस्तारित याचिकाओं को सम्मलित करते हुए रिब्यु में अवश्य जाना चाहिए जिससे संविधान पीठ में जाने का रास्ता खुला रहे। और जहाँ तक बात है डायरेक्शन पिटीशन का तो उसमें आर्टिकल32 से सुप्रीम कोर्ट में सीधे दाखिल हुई WP(C)167/2015 और WP(C)244/2016 के माध्यम से जाना चाहिए। रिट167 पर इसलिए क्योकि उस पर सरकार ने काउंटर लगाया है और रिट244 पर इसलिए क्योकि उस पर अंत तक बहस हुई है लेकिन कोर्ट ने कोई आदेश/निर्देश नही दिया है।
रिब्यु और डायरेक्शन पिटीशन दोनों का ही आधार 841 व् RTE एक्ट के तहत प्रदेश में रिक्त लाखों पदों का रहना चाहिए ताकि कोर्ट विवश होकर आदेश/निर्देश दे। इस माह में सबसे पहले इन पर कोर्ट का रुख देखना चाहिए और जब यहाँ से राहत ना मिले तो रिब्यु वाले भाग को संविधान पीठ में और डायरेक्शन पिटीशन वाले भाग को हाइकोर्ट में ले आना चाहिए।
यह कानूनी प्रक्रिया देखने और करने में अवश्य लम्बी लग रही है लेकिन इसके अलावा अन्य कोई विकल्प भी नही है। इसके अतिरिक्त उरई-जालौन, फिरोजाबाद, महाराजंग, सीतापुर, इलाहाबाद, झाँसी, फैज़ाबाद, आदि जिलों द्वारा जो प्रदर्शन जिला स्तर पर किया जा रहा है उसे सभी 75जनपदों पर जारी रखना चाहिए ताकि सरकार किसी भी निर्णय लेने से पूर्व हमारे इस पक्ष से भी अवगत रहे कि सिर्फ उनका ही समाधान नही करना है जो सिस्टम में है और संख्याबल का दूरप्रयोग करते है बल्कि उनके साथ भी न्याय करना है जो योग्य है, मानक पूरा करते है और संवैधानिक तरीकों से सड़क से लेकर न्यायालय तक अपनी मांग रखते है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को आये लगभग आधा महीना बीत गया है इसलिए आज मैने पोस्ट को इस तरह से लिखा है। यदि आम आदमी पार्टी द्वारा कांग्रेश और भाजपा दोनों पर ही आरोप लगाया जा रहा है तो उसकी यह नैतिक ज़िम्मेदारी है कि वह इन सबसे ऊपर उठकर आगे बड़े और कार्यों को सही दिशा देते हुए पुनः एकजुट होकर प्रयास करे।धन्यबाद
शेष आप सभी से कहूँगा
हाथ बांधे क्यों खड़े हो हादसों के सामने
हादसे कुछ नही है तेरे हौसलों के सामने
मयंक तिवारी
बीएड/टेट उत्तीर्ण संघर्ष मोर्चा
उत्तर प्रदेश

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