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TET एग्जाम 2017: किसी ने पकड़ा टीचर का पैर, किसी ने रोते हुए की रिक्वेस्ट

लखनऊ .यहां रविवार को प्रदेश भर में टीईटी एग्जाम का आयोजन किया गया। टीईटी एग्जाम देने के लिए सेंटर पर पहुंचे हजारों कैंडिडेट्स को एग्जाम देने से रोक दिया गया।
बताया जा रहे कि ये कैंडिडेट्स देर से सेंटर पर पहुंचे थे। वहीं कैंडिडेट्स का आरोप है उनके एडमिट कार्ड पर आधा अधूरा एड्रेस लिखा हुआ था। इसलिए पता ढूढंने में उनका टाइम वेस्ट हो गया। Dainikbhaskar.com ने टीईटी एग्जाम देने लखनऊ पहुंचे कैंडिडेट्स के परिजनों से बात की और उनकी आप बीती को जाना।
गार्ड के आगे गिड़गिड़ाने पर मिली एंट्री....
- आजमगढ़ निवासी शरद यादव ने कहा, ''मैं बस से 500 रुपए किराया देकर अपनी वाइफ रेनू का एग्जाम दिलाने के लिए लखनऊ पहुंचा था। मेरी वाइफ के एडमिट कार्ड पर आधा अधूरा एड्रेस राजकीय इंटर कालेज गोमती नगर लिखा हुआ था।''
- ''उस पर सेक्टर के बारे में कुछ भी नहीं लिखा था। ऑटो से 8 बजे से अपनी वाइफ को लेकर गोमती नगर के पत्रकारपुरम, हुसडिया, मनोज पांडेय सहित अलग-अलग सेक्टर के चक्कर लगाता रहा।''
- ''2 घंटे बाद 9.54 मिनट पर वह अपनी वाइफ को लेकर गोमतीनगर के विनय खण्ड-4 9.54 पर पहुंचा। एग्जाम 10 बजे से शुरू होना था। 5 मिनट पहले पहुंचने पर उनकी वाइफ को सेंटर के बाहर रोक दिया गया। गार्ड के सामने कई बार गिड़गिड़ाया। उसके बाद उसने वाइफ अंदर जाने दिया।''
4 घंटे भटकने के बाद मिला सेंटर
- वाराणसी के कृष्ण कुमार ने कहा, ''मैंने शनिवार रात 8 बजे अपनी वाइफ रेखा को टीईटी एग्जाम दिलाने के लिए बस पकड़ी थी। 4 बजे चारबाग स्टेशन पहुंचा। उसके बाद गोमतीनगर के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जाने के लिए टैक्सी ली।''
- ''ड्राइवर ने दोनों से 120 रुपए किराया लिया। उसके बाद टैक्सी वाला विकासनगर पहुंचा। वहां ये कहते हुए उतार दिया। आपका सेंटर बस आगे ही है। मैं अपनी वाइफ को लेकर 2 किमी. पैदल चला। बड़ी मुश्किल से एग्जाम सेंटर पहुंचा तब जाकर वाइफ को टीईटी एग्जाम देने का मौका मिल पाया।''
रोता रहा लेकिन नहीं खुला दरवाजा
- उन्नाव के उत्कर्ष सिन्हा ने कहा, ''मैं बस से 8 बजे लखनऊ टीईटी का एग्जाम देने के लिए घर से निकला था। रास्ते मे काफी ट्रैफिक था। 9.50 पर लखनऊ स्टेशन पहुंच गया। हाथ में एडमिट कार्ड लेकर केकेसी कॉलेज पहुंचा। उसके कार्ड पर एड्रेस स्पष्ट नहीं था।''
- ''केकेसी कॉलेज पर पहुंचने पर गार्ड ने बताया कि उसका सेंटर केकेसी पर नहीं बल्कि केकेवी है। मैं केकेवी पहुंचा। वहां बताया गया कि उसका सेंटर यहां नहीं बल्कि केकेसी पर है। वह दौड़ता हुआ केकेसी पहुंचा। तब तक गेट बंद हो चुका था।''
- ''वह गेट का दरवाजा 20 मिनट तक गार्डो के चेकिंग अधिकारियों के आगे गिड़गिड़ाता रहा लेकिन उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। उसने बताया कि उसके एडमिड कार्ड पर गलत पता दिया हुआ था।''
- ''जिसका एड्रेस किसी को नहीं पता था। इस तरह मेरी परीक्षा छूट गई। वह रोने लगा। उसके बाद आंसू पोछते हुए वहां से चला गया।''
अधिकारियों ने क्या कहा
- डीआईओएस मुकेश मुकेश कुमार सिंह ने कहा, ''टीईटी एग्जाम में सेंटर संबंधी प्रॉब्लम के लिए अखबारों के माद्यम से टोल फ्री नम्बरों की जानकारी दी गई थी। मैं खुद सुबह से टोल फ्री नंबर पर आने वाली कॉल्स को अटेंडट कर रहा हूं।''
- ''काफी सारे कैंडिडेट्स की हेल्प भी की गई है। जिन लोगों ने एड्रेस आधे अधूरे या फिर गलत लिखे हुए थे। उन्हें टोल फ्री नंबर पर फोन करके जानकारी लेनी चाहिए थी। जिन छात्रों की परीक्षा छूटी है। उसके लिए वे खुद जिम्मेदार है।''
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