32022 अनुदेशक भर्ती के मामले में आखिरकार अंतिम मोड़ आ चुका है माननीय
इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा सरकार को नोटिस जा चुकी है कंटेंट के मामले
में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सरकार को 4 हफ्ते का समय दिया है और पूछा है कि अभी तक भर्ती प्रक्रिया क्यों नहीं की गई कोर्ट की
अवमानना क्यों की गई अब लगातार सरकार के ऊपर दबाव बन रहा है अब राज्य सरकार
के पास दो ही विकल्प या तो बस 15 मार्च तक काउंसलिंग का शेड्यूल जारी
करें या फिर डबल बेंच में स्पेशल अपील लेकर बहस करवाएं और जिस दिन भी बहस
करवाएंगे सरकार पूरी तरह से हारेगी क्योंकि कानूनी दांव पेच में बीपीएड
संघर्ष मोर्चा सरकार से किसी मामले में पीछे नहीं है जिसका नतीजा सबके
सामने है अख़बारों में भी न्यूज़ आ चुकी है इसमें कोई संदेह नहीं है सरकार
के पास दो मुद्दे हैं पहला मुद्दा यह है कि RTE एक्ट के अनुसार सरकार ने
पहली दलील दी है 100 बच्चों के नीचे physical टीचर की नियुक्ति नहीं की
जा सकती यह मैटर एकदम निराधार है क्योंकि 2 राज्यों में भी सौ बच्चों के
नीचे नियुक्तियां की गई है और समानता के अधिकार के तहत 100 बच्चों पर यदि
शारीरिक शिक्षा जरूरी है तो 99 बच्चों के लिए भी जरूरी है और यह पूर्णतया
राज्य की वैकेंसी है इसलिए राज्य सरकार का विशेषाधिकार है कि वह अपने राज्य
के बच्चों को अपने राजकोषीय बजट से धन आवंटित करते हुए शिक्षा देने का
अधिकार रखती है उसमें केंद्र कोई हस्तक्षेप नहीं कर सकता क्योंकि यह
पूर्णतया राज्य की नियमावली है और शिक्षा समवर्ती सूची में होता है इसलिए
राज्य और केंद्र सरकार मिलकर काम करती हैं केंद्र का वही हस्तक्षेप है यदि
65 फ़ीसदी धन लिया जाए तो जबकि 32022 अनुदेशक भर्ती में केंद्र सरकार से
कोई सहयोग नहीं लिया गया है इसलिए उनका कोई हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं
बनता है यह रही पहली दलील जो कि पूर्णतया खारिज हो जाएगी अब दूसरी दलील की
बात समझे दूसरे में सरकार ने स्पेशल अपील करके दोबारा इस बात की मनगढ़ंत
कहानी बनाई है अध्यापक सेवा नियमावली में 1981 में हमने संशोधन कर दिया है
अब आगे जो वैकेंसी होगी वह पूर्णतया लिखित परीक्षा के आधार पर होगी अब उसका
जवाब आप समझिए योगी सरकार का अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 20 वां संशोधन
है जिस में लिखित परीक्षा का जिक्र किया गया है अब सवाल यह उठता है कि
आपने जो संशोधन किया है वह किस डेट पर संशोधन है और हमारी वैकेंसी लगभग 1
साल पुरानी है पुरानी वैकेंसी पर इस तरह के नियम लागू नहीं होंगे जैसा की
lt के मैटर पर घमासान चल रहा है अब रही बात नियमावली संशोधन की तो यह सहायक
अध्यापक की नियमावली है जबकि 32022 अनुदेशक भर्ती संविदा के आधार पर है यह
सहायक अध्यापक नहीं है यह ट्रेंड फिजिकल टीचर की नियुक्ति है जिसका मतलब
होता है शारीरिक शिक्षा प्रशिक्षक इसका मतलब कोच होता है और यह प्रशिक्षक
के ऊपर नियमावली लागू नहीं होगी माननीय सुप्रीम कोर्ट का भी दिशा निर्देश
है कि गेम के नियम बीच में नहीं बदले जाएंगे जो नियमावली पुरानी वैकेंसी
में है उसी नियमावली के आधार पर हो भर्तियां होंगी राज्य सरकारों को कुछ
अधिकार होता है वह अधिकार यह होता है कि किसी भी वैकेंसी में यदि परीक्षा
या काउंसलिंग में 35% से ज्यादा धांधली हुई हो फर्जीवाड़ा हुआ हो तो आप कुछ
संशोधन कर सकते हैं लेकिन यहां पर ऐसा कोई मामला नहीं है इसलिए 32022
अनुदेशक भर्ती मेरिट के आधार पर है और कोई भी काउंसलिंग नहीं हुई है इसलिए
यह पूर्णतया सुरक्षित है अक्सर संविदा की भर्ती में राज्य सरकार बजट का
रोना रोती है जबकि माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा पहले ही सिंगल बेंच
में राज्य सरकार की यह दलील दलील ठुकरा दी गई और सुप्रीम कोर्ट का भी
निर्देश है कि बजट के मामले में शिक्षक भर्तियों में राज्य सरकारें बहाने
नहीं कर सकती क्योंकि यह पूर्णतया कैबिनेट से पास होते हुए अनुपूरक बजट में
पूर्व मुख्यमंत्री के द्वारा पहले ही पास करवा दिया गया था इसलिए योगी
सरकार राजनीतिक द्वेष के लिए इस वैकेंसी को निरस्त नहीं कर सकती जब मामला
न्यायालय में हो को निरस्त करने और भर्ती कराने का अधिकार केवल और केवल
माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट के पास है जिस तरह से अभी हाल में राज्य सरकार ने
9342 एलटी मैटर पर 1 हफ्ते पहले मनमाने ढंग से वैकेंसी को रद्द किया जबकि
मामला न्यायालय में है बिना न्यायालय की अनुमति के वैकेंसी को रद्द कर के
काउंटर लगाना न्यायालय की अवमानना कि गई जिसका डेट 20 फरवरी को लगा है
पूर्णतया बेरोजगारों की जीत होना सुनिश्चित है तो सरकार की दूसरी दलील भी
आप लोग समझ लिए इसलिए सरकार का दूसरा मैटर भी 32022 अनुदेशक भर्ती के मामले
में डबल बेंच से खारिज होगा और बीपीएड संघर्ष मोर्चा की जीत होना
सुनिश्चित है एक बार पुनः आप लोगों से गुजारिश करेंगे की एकजुटता बनाए रखिए
और प्रदेश अध्यक्ष जी और प्रदेश महासचिव जी का पूर्णतया सहयोग करिए
क्योंकि लड़ाई अंतिम मोड़ पर है और कंटेंट से बचने के लिए सरकार डेट
लगवाकर बहस करवाती है तो भी हार उसकी सुनिश्चित है पोस्ट को मुझे इसलिए
लिखना पड़ा कि तमाम हमारे साथी अभी भी कोर्ट की बारे में जानकारी चाहते हैं
और संगठन के पदाधिकारियों को फोन करके जरूरत से ज्यादा परेशान कर रहे हैं
वह अपने व्यस्त कार्यक्रम में कितना समय निकालें बात वही समझ सकते हैं
क्योंकि हमारे कुछ साथी ऐसे भी हैं जो एक बार पूछेंगे फिर कल वही चीज
पूछेंगे और परसों भी वही चीज पूछेंगे इसलिए उनको इस पोस्ट को ध्यान से
पढ़ना चाहिए और समझना चाहिए मैंने विस्तारपूर्वक इस बात को लिख दिया है और
मुझे आशा नहीं पूरा विश्वास है कि हमारे बहुत से साथी इस पोस्ट को पढ़कर
निश्चिंत हो जाएंगे एक बार फिर से प्रदेश कार्यकारिणी को बधाई सभी जिला
अध्यक्षों को बधाई और सभी संघर्षशील साथियों को बधाई और बीपीएड के
कर्ताधर्ता प्रदेश अध्यक्ष जी को बहुत-बहुत बधाई आपकी सूझबूझ को सलाम करते
हैं जौनपुर की सरजमी से उत्तर प्रदेश के सभी संघर्षशील साथियों को शीश नमन
करते हुए ईश्वर से यही कामना करूंगा क्या आप सभी का भविष्य उज्जवल हो
मार्च में काउंसलिंग का शेड्यूल जारी होगा और अप्रैल में काउंसलिंग होना
सुनिश्चित है
आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद
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