शिक्षण कार्य में शिक्षकों की कमी बड़ी बाधा: कॉलेजों में शिक्षकों के करीब 30 हजार से अधिक पद रिक्त

प्रदेश के राजकीय और अशासकीय कालेजों में शिक्षकों की कमी सबसे बड़ी बाधा है। दोनों संस्थानों में प्रधानाचार्य से लेकर प्रवक्ता व सहायक शिक्षकों के करीब 30 हजार से अधिक पद रिक्त हैं।
कई कालेजों में यह स्थिति है कि छात्र-छात्रएं पर्याप्त होने के बाद उन्हें पढ़ाने वाला कोई नहीं है, किसी तरह से संचालन किया जा रहा है। अफसरों की मानें तो शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, यह जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी कालेजों में पढ़ाई का माहौल बनने लगेगा।