*✍दीपक की कलम से.....................*
टेट-2017 प्रकरण एक बार फिर से *सर्वोच्च न्यायालय* के दर पे पहुच चूका है। उ• प्र• सरकार का *ड्रीम प्रोजेक्ट~शिक्षक भर्ती* दिन प्रतिदिन नए~नए पेच में फसता जा रहा है।इसके होने का कोई नियत समय निश्चित नहीं है। *68500 पे अभी दो घने बादल मंडरा रहे है।--------*
*⛈१-23 मई 2018 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में उर्दू प्रकरण।*
*⛈२-21 मई 2018(संभावित तिथि) सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली।*
उपरोक्त दोनों☝ प्रकरण पे अगर राज्य सरकार जीत जाती है तो हो सकता है कि परीक्षा २७/०५/२०१८ को जिसकी आश न् के बराबर है। *सबसे ज्वलंत मुद्दा है उर्दू प्रकरण का जिसमे राज्य सरकार बार-बार निर्रथक प्रयाश कर रही है।अपने अड़ियल रवैये के कारण टेट प्रकरण भी इतने दिन तक खींचा।अगर सरकार ,पी एन पी अपनी हुई गलती मान लेती तो परीक्षा कब की संपन्न हो गयी होती आज इतने युवा परेशान न् होते।*
उर्दू प्रकरण पे इतने ज्यादा बार काउंटर लगाने के बाद भी *कोर्ट को सन्तुष्ट नहीं कर पायी सरकार अब आगे देखने वाली बात ये होगी की कौन सा नया तीर सरकार २३/०५/२०१८ मार दे रही है।*
*दूसरा ज्वलन्त मुद्दा है टेट-2017 प्रकरण फिर से सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में दस्तक को तैयार है।*
कुछ खामियां दिखी सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में जिससे की सही समय पे मो●रिजवान टीम के वकील द्वारा मुकदमा वापस ले लिया गया था।
*गौरतलब ये है कि जस्टिस गोयल की ही बेंच ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था।और देखने वाली बात ये है कि मो●रिजवान टीम(शिक्षामित्र),राम कुमार गुप्ता(शिक्षामित्र) की टेट 2017 याचिका इसी बेंच में लग गयी।और जस्टिस गोयल ने केस सुनने के बाद इस केस पे जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल में एक आम सहमति नहीं बन पायी जिससे इस पर कोई निर्णय देने से मना कर दिया।हालाकि केस की स्थिति मजबूत दिखी और जस्टिस गोयल की पीठ उसे ख़ारिज न् कर सकी*
*दूसरी कमजोर कड़ी आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों को पहले उठाना साबित हुआ।अगर वही उनके रणनीत का हिस्सा पहले कमेटी की रिपोर्ट रही होती तो नजारा कुछ और होता।*
*एक बार धोखा खाने के बाद मो●रिजवान टीम निम्न बिन्दुओ के साथ मैदान में(२१/०५/२०१८) उतर सकती है जिससे फैसला उनके पक्ष में आने की उम्मीद है-------*
टेट-2017 प्रकरण एक बार फिर से *सर्वोच्च न्यायालय* के दर पे पहुच चूका है। उ• प्र• सरकार का *ड्रीम प्रोजेक्ट~शिक्षक भर्ती* दिन प्रतिदिन नए~नए पेच में फसता जा रहा है।इसके होने का कोई नियत समय निश्चित नहीं है। *68500 पे अभी दो घने बादल मंडरा रहे है।--------*
*⛈१-23 मई 2018 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद में उर्दू प्रकरण।*
*⛈२-21 मई 2018(संभावित तिथि) सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली।*
उपरोक्त दोनों☝ प्रकरण पे अगर राज्य सरकार जीत जाती है तो हो सकता है कि परीक्षा २७/०५/२०१८ को जिसकी आश न् के बराबर है। *सबसे ज्वलंत मुद्दा है उर्दू प्रकरण का जिसमे राज्य सरकार बार-बार निर्रथक प्रयाश कर रही है।अपने अड़ियल रवैये के कारण टेट प्रकरण भी इतने दिन तक खींचा।अगर सरकार ,पी एन पी अपनी हुई गलती मान लेती तो परीक्षा कब की संपन्न हो गयी होती आज इतने युवा परेशान न् होते।*
उर्दू प्रकरण पे इतने ज्यादा बार काउंटर लगाने के बाद भी *कोर्ट को सन्तुष्ट नहीं कर पायी सरकार अब आगे देखने वाली बात ये होगी की कौन सा नया तीर सरकार २३/०५/२०१८ मार दे रही है।*
*दूसरा ज्वलन्त मुद्दा है टेट-2017 प्रकरण फिर से सर्वोच्च न्यायालय दिल्ली में दस्तक को तैयार है।*
कुछ खामियां दिखी सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका में जिससे की सही समय पे मो●रिजवान टीम के वकील द्वारा मुकदमा वापस ले लिया गया था।
*गौरतलब ये है कि जस्टिस गोयल की ही बेंच ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किया था।और देखने वाली बात ये है कि मो●रिजवान टीम(शिक्षामित्र),राम कुमार गुप्ता(शिक्षामित्र) की टेट 2017 याचिका इसी बेंच में लग गयी।और जस्टिस गोयल ने केस सुनने के बाद इस केस पे जस्टिस इन्दु मल्होत्रा और जस्टिस आदर्श कुमार गोयल में एक आम सहमति नहीं बन पायी जिससे इस पर कोई निर्णय देने से मना कर दिया।हालाकि केस की स्थिति मजबूत दिखी और जस्टिस गोयल की पीठ उसे ख़ारिज न् कर सकी*
*दूसरी कमजोर कड़ी आउट ऑफ सिलेबस प्रश्नों को पहले उठाना साबित हुआ।अगर वही उनके रणनीत का हिस्सा पहले कमेटी की रिपोर्ट रही होती तो नजारा कुछ और होता।*
*एक बार धोखा खाने के बाद मो●रिजवान टीम निम्न बिन्दुओ के साथ मैदान में(२१/०५/२०१८) उतर सकती है जिससे फैसला उनके पक्ष में आने की उम्मीद है-------*
*✍१-कमेटी के 4 प्रश्नों को पहले नंबर पे उतारा जॉए जिनके क्रम निम्न है......*
*⭕हे पिता* प्रश्न इस टीम की सबसे मजबूत कड़ी हो सकती है क्योंकि सम्बोधन होना चाहिए ऐसा *कमेटी ने NCERTका साक्ष्य लगा के उसे मजबूत कर दिया।* अगर कोर्ट एक प्रश् पे सहमत दिखी तो वो कमेटी का आकलन जरूर करना चाहेगी जिसमे मो●रिजवान टीम को फायदा हो सकता है।
*⭕मानसिक उद्देलना* इस प्रश्न में भी कमेटी की रिपोर्ट दोनों प्रश्नों के उत्तर को सही साबित कर रही है *दोनों पॉइंट(ऑप्शन) कमेटी एक्सपर्ट द्वारा खुद घेरे गए है।*
*⭕WWF* यह भी दोनों उत्तर कमेटी की रिपोर्ट में सही साबित हो रही है।
*⭕हिंदी बोलियों वाले प्रश्न में एक कोई प्रामाणिक किताब का साक्ष्य नहीं लगा जबकि याची पक्ष के पास है हरदेव बाहरी,लुसेन्ट जैसी प्रामाणिक बुक है।(यहाँ अगर उपरोक्त तीनो प्रश्नों पे कोर्ट संतुष्ट होती है तो हिंदी बोलिया भी कंसीडर किया जा सकता है।)*
अगर 4 प्रश्नों पे याची पक्ष अपने हक में कर लेता है। तो वह *आउट ऑफ सिलेबस पे भी बात करना चाहेगा।यहाँ गौरतलब बात ये है कि उच्च न्यायालय के दोनों बेंच ने आउट ऑफ सिलेबस माना है।एक बेंच ने (सिंगल बेंच) ने उस पर निर्णय लिया दूसरी बेंच ने(उसे कंसीडर नहीं किए)* अब खेल दिलचस्प है कि यहाँ इन दोनों प्रकरण पे सरकार जीतती है या याचिकाकर्ता *फैसला किसी के पक्ष में आये लेकिन इस बीच में पीस रहे है 1.25 लाख छात्र एवम उनके परिवार वाले।*
दो तारीख 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में मील का पत्थर साबित होगा भगवन करे दोनों प्रकरण
*⭕हे पिता* प्रश्न इस टीम की सबसे मजबूत कड़ी हो सकती है क्योंकि सम्बोधन होना चाहिए ऐसा *कमेटी ने NCERTका साक्ष्य लगा के उसे मजबूत कर दिया।* अगर कोर्ट एक प्रश् पे सहमत दिखी तो वो कमेटी का आकलन जरूर करना चाहेगी जिसमे मो●रिजवान टीम को फायदा हो सकता है।
*⭕मानसिक उद्देलना* इस प्रश्न में भी कमेटी की रिपोर्ट दोनों प्रश्नों के उत्तर को सही साबित कर रही है *दोनों पॉइंट(ऑप्शन) कमेटी एक्सपर्ट द्वारा खुद घेरे गए है।*
*⭕WWF* यह भी दोनों उत्तर कमेटी की रिपोर्ट में सही साबित हो रही है।
*⭕हिंदी बोलियों वाले प्रश्न में एक कोई प्रामाणिक किताब का साक्ष्य नहीं लगा जबकि याची पक्ष के पास है हरदेव बाहरी,लुसेन्ट जैसी प्रामाणिक बुक है।(यहाँ अगर उपरोक्त तीनो प्रश्नों पे कोर्ट संतुष्ट होती है तो हिंदी बोलिया भी कंसीडर किया जा सकता है।)*
अगर 4 प्रश्नों पे याची पक्ष अपने हक में कर लेता है। तो वह *आउट ऑफ सिलेबस पे भी बात करना चाहेगा।यहाँ गौरतलब बात ये है कि उच्च न्यायालय के दोनों बेंच ने आउट ऑफ सिलेबस माना है।एक बेंच ने (सिंगल बेंच) ने उस पर निर्णय लिया दूसरी बेंच ने(उसे कंसीडर नहीं किए)* अब खेल दिलचस्प है कि यहाँ इन दोनों प्रकरण पे सरकार जीतती है या याचिकाकर्ता *फैसला किसी के पक्ष में आये लेकिन इस बीच में पीस रहे है 1.25 लाख छात्र एवम उनके परिवार वाले।*
दो तारीख 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा में मील का पत्थर साबित होगा भगवन करे दोनों प्रकरण