देवरिया: बीआरसी सदर स्थित कैंप कार्यालय पर रविवार को उप्र दूरस्थ
बीटीसी शिक्षक संघ की बैठक हुई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार यादव ने
आरोप लगाया कि केंद्र व राज्य सरकार दोनों मिलकर शिक्षामित्रों का उत्पीड़न व
उपेक्षा कर रही हैं।
समायोजन निरस्त होने के बाद भी 80 से 100 किलोमीटर दूर अल्प मानदेय में नौकरी करने पर विवश किया जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा पारित आदेश अप्रशिक्षित शिक्षकों का 31 मार्च 2019 तक निर्धारित योग्यता पूर्ण करने की छूट का पालन प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। जबकि उसी आदेश के तहत उत्तराखंड के समायोजित अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों को 31 मार्च 2019 तक सेवाकाल में रहते हुए टीईटी करने की छूट वहां की सरकार ने दिया है। एक ही देश में सरकारें अलग-अलग मापदंड अपना रही हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र इस वक्त अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। जल्द ही अपना खोया सम्मान वापस पाएंगे। संघ द्वारा हाईकोर्ट इलाहाबाद में उत्तराखंड की तरह ही योग्यता बढ़ाने के लिए समय दिए जाने के संबंध में अपील की गई है। वहीं
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। 2018 में हमें राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश मंत्री विद्या निवास व सचिव फारूख अहमद ने कहा कि तीन बार टीईटी रिजल्ट संशोधित करने के बाद भी जो सरकार अभी तक फाइनल नहीं कर पाई है। उससे नई भर्ती सफलतापूर्वक पूर्ण करने का कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। शिक्षामित्रों के ऊपर जानबूझ कर लिखित परीक्षा थोपी जा रही है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष जयप्रकाश यादव, जिला महामंत्री विशुनदेव प्रसाद, कौशल किशोर यादव, मनोज गुप्ता, रामसमुझ, गेना यादव, पुनीत, सत्येंद्र, रमेश, सुबाष, विजय, मनोज यादव, मकरध्वज आदि मौजूद रहे।
समायोजन निरस्त होने के बाद भी 80 से 100 किलोमीटर दूर अल्प मानदेय में नौकरी करने पर विवश किया जा रहा है। वहीं केंद्र सरकार द्वारा पारित आदेश अप्रशिक्षित शिक्षकों का 31 मार्च 2019 तक निर्धारित योग्यता पूर्ण करने की छूट का पालन प्रदेश सरकार द्वारा नहीं किया जा रहा है। जबकि उसी आदेश के तहत उत्तराखंड के समायोजित अप्रशिक्षित शिक्षामित्रों को 31 मार्च 2019 तक सेवाकाल में रहते हुए टीईटी करने की छूट वहां की सरकार ने दिया है। एक ही देश में सरकारें अलग-अलग मापदंड अपना रही हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षामित्र इस वक्त अपने सम्मान की लड़ाई लड़ रहे हैं। जल्द ही अपना खोया सम्मान वापस पाएंगे। संघ द्वारा हाईकोर्ट इलाहाबाद में उत्तराखंड की तरह ही योग्यता बढ़ाने के लिए समय दिए जाने के संबंध में अपील की गई है। वहीं
सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। 2018 में हमें राहत मिलने की उम्मीद है। प्रदेश मंत्री विद्या निवास व सचिव फारूख अहमद ने कहा कि तीन बार टीईटी रिजल्ट संशोधित करने के बाद भी जो सरकार अभी तक फाइनल नहीं कर पाई है। उससे नई भर्ती सफलतापूर्वक पूर्ण करने का कोई उम्मीद नहीं दिख रही है। शिक्षामित्रों के ऊपर जानबूझ कर लिखित परीक्षा थोपी जा रही है। इस मौके पर जिलाध्यक्ष जयप्रकाश यादव, जिला महामंत्री विशुनदेव प्रसाद, कौशल किशोर यादव, मनोज गुप्ता, रामसमुझ, गेना यादव, पुनीत, सत्येंद्र, रमेश, सुबाष, विजय, मनोज यादव, मकरध्वज आदि मौजूद रहे।