इलाहाबाद : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है कि प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों का स्थानांतरण नई स्थानांतरण नीति 2018-19 के तहत किया जाए। कोर्ट ने 2017 की स्थानांतरण नीति के खिलाफ दाखिल याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार ने अजय कुमार सिंह व कई अन्य की याचिकाओं पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उसके इस आदेश से शिक्षिकाओं का नियम आठ (दो)(डी) के तहत किया जा रहा अंतर जिला तबादला प्रभावित नहीं होगा। ज्ञात हो कि इस नियम के तहत अंतर जिला तबादलों में शिक्षिकाओं को पांच वर्ष की सेवा अवधि से छूट मिली है। कोर्ट ने एक जिले में पांच साल से कम अवधि तक सेवा करने वाले शिक्षकों और अन्य के संबंध में नई नीति के तहत निर्णय लेने को कहा है। याचिकाओं में 13 जून 2017 को जारी स्थानांतरण नीति को चुनौती दी गई थी। याचिकाओं में शिक्षकों का स्थानांतरण आरटीई एक्ट 2009 और इसके तहत बने नियमों के अनुसार करने की मांग की गई थी। इस पर किसी निर्णय से पहले ही शीर्ष कोर्ट ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद कर दिया था। याचीगण का कहना था कि सरकार हर साल स्थानांतरण नीति जारी करती है। इस साल की नई नीति भी शीघ्र ही जारी होने वाली है। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि नई स्थानांतरण नीति एक दो दिन में जारी हो सकती है। इस पर कोर्ट ने याचिकाएं निस्तारित कर दी।
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