बीएड धारकों को हर सरकार ने लगाया गले: नियुक्ति के दो साल में ब्रिज कोर्स अनिवार्य, पहले ये था प्रावधान

शिक्षा स्नातक यानि बीएड धारकों पर अब मोदी सरकार भी मेहरबान हो गई है। करीब सात वर्ष के लंबे अंतराल बाद प्रदेश में बीएड धारकों को प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का मौका मिलने जा रहा है। हालांकि इसके पहले लगभग सभी मुख्यमंत्रियों ने अपने कार्यकाल में बीएड करने वालों की बड़े पैमाने पर भर्तियां कराई हैं।
इधर नियमों में बदलाव के कारण बीएड बेरोजगारों की संख्या में इजाफा होता जा रहा था।1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में बीएड धारकों की नियुक्ति लंबे अर्से से होती रही है। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहते 1998 में करीब 18 हजार बीएड धारकों की तैनाती प्राथमिक स्कूलों में हुई थी। इसके बाद मुलायम सिंह के कार्यकाल में 2004 में 46 हजार बीएड धारक नियुक्त हुए। मायावती के कार्यकाल 2007-08 में करीब 85 हजार बीएड धारकों को मौका मिला। इसमें 18 हजार बैकलॉग भर्तियां शामिल रहीं। इसी तर्ज पर 2011 में 72825 शिक्षकों की नियुक्ति प्राथमिक स्कूलों में हुई। एनसीटीई ने जनवरी 2012 तक ही बीएड धारकों को आवेदन का मौका दिया, इसीलिए उसके बाद प्राथमिक स्कूलों में बीएड धारक तैनात नहीं हो सके। यह जरूर है कि 72 हजार शिक्षकों की भर्ती में कोर्ट के आदेश पर जब याचियों को नियुक्ति मिली तो करीब 60 हजार से अधिक बीएड धारक याची बनकर नियुक्ति पाने को प्रयासरत रहे। हालांकि उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। यह भर्ती प्रक्रिया सरकार ने बीच में ही खत्म कर दी। इसके बाद उच्च प्राथमिक स्कूलों में विज्ञान-गणित के 29334 शिक्षकों की भर्ती में भी बीएड धारकों को मौका दिया गया। ज्ञात हो कि कक्षा छह से ऊपर की कक्षाओं के लिए यह पहले से अर्ह रहे हैं। 1अब डीएलएड की सीटें भरना होगा मुश्किल: परिषदीय प्राथमिक स्कूलों में बीएड धारकों को मौका मिलने से अब डीएलएड (पूर्व बीटीसी) की सीटें भरना मुश्किल होगा। इसकी वजह यह है कि डीएलएड करने वाले अभ्यर्थी केवल कक्षा एक से आठ तक के लिए शिक्षक बन सकते हैं, जबकि बीएड करने वालों को प्राथमिक से लेकर माध्यमिक स्कूलों तक दावेदारी करने का रास्ता साफ हो गया है। उनके पास अवसर अधिक होंगे।
नियुक्ति के दो साल में ब्रिज कोर्स अनिवार्य 
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : सदस्य सचिव की ओर से कहा गया है कि जिसने एनसीटीई की ओर से मान्यता प्राप्त संस्थान से शिक्षा स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। उस पर कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए अध्यापक के रूप में नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा। इसमें यह शर्त जोड़ी गई है कि इस प्रकार अध्यापक के रूप में नियुक्त व्यक्ति को प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्त होने के दो वर्ष के भीतर एनसीटीई से मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह माह का एक सेतु पाठ्यक्रम (ब्रिज कोर्स) आवश्यक रूप से पूरा करना होगा।


पहले ये था प्रावधान
23 अगस्त 2010 के पैरा एक उप पैरा एक ‘ए’ में कहा गया था कि सिर्फ बीटीसी (अब डीएलएड), डीएड (विशेष शिक्षा) व अन्य दो वर्षीय डिप्लोमा धारी ही कक्षा एक से पांच तक शिक्षक बनने के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसी में 29 जून को 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक व शिक्षा स्नातक (बीएड) भी प्रतिभाग कर सकते हैं।