नई दिल्ली : नई शिक्षा नीति को लेकर सरकार से लेकर संघ तक से जो भी मंशा
जाहिर की गई, कवायद ढुलमुल है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक
बार फिर से अंतिम रिपोर्ट देने की तिथि दो महीने के लिए बढ़ा दी गई है।
सिर्फ छह माह की बात करें तो तीसरी बार समयसीमा बढ़ाई गई है।
इसके तहत नई
शिक्षा नीति तैयार करने का काम अब 31 अगस्त तक होगा। पहले इसे 30 जून तक
तैयार करने का दावा किया था।1 सूत्रों के अनुसार, पिछले दिनों संघ ने इसे
लेकर अपनी नाखुशी मानव संसाधन विकास मंत्री के साथ हुई बैठक में जताई भी।
जिसमें कहा गया था कि इससे सरकार की छवि पर जहां गलत असर पड़ा है, वहीं
पांच सालों में शिक्षा के क्षेत्र में हम जो कर सकते हैं, वह भी एक बड़ा
मौका हमने गंवा दिया है। सूत्रों के मुताबिक, ऐसा ही कुछ तर्क नई शिक्षा
नीति को बनाने के लिए गठित कस्तूरीरंजन कमेटी के एक सदस्य ने भी दिया था।
नई शिक्षा नीति को तैयार करने का यह काम नई सरकार के गठन के साथ शुरू हो
गया था। इस बीच टीआरएस सुब्रमणियम की अगुवाई में एक कमेटी भी गठित की गई
जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी थी। लेकिन सरकार ने बाद में इस पर और सुझाव लेने
का फैसला लिया। यह दौर अब तक चल रहा है।
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