ये हैं कैबिनेट में पास अहम प्रस्ताव-
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के विभिन्न पैकेजों के ईपीसी पद्धति पर क्रियान्वयन हेतु चयनित निर्माणकर्ताओं को यूपी कैबिनेट का अनुमोदन। छह लेन का यह प्रवेश नियंत्रित एक्सप्रेसवे 36 माह में तैयार होगा। इसकी लागत लगभग 23,349.37 करोड़ रु. होगी, जो पूर्व सरकार द्वारा तय लागत से 1516 करोड़ रु. कम है।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के मृतक आश्रितों के सेवायोजन पर जुलाई 2003 से लगी रोक को शिथिल करने को यूपी कैबिनेट की स्वीकृति। अब निगम में चालक/परिचालक के उत्पादक पदों पर 587 मृतक आश्रितों को नियुक्ति प्रदान की जाएगी।
लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को प्रतिमाह दी जाने वाली सम्मान राशि में वृद्धि को यूपी कैबिनेट की मंजूरी। अब लोकतंत्र सेनानियों व उनके आश्रितों को 15,000 रुपए के स्थान पर प्रति माह 20,000 रुपए सम्मान राशि दी जाएगी। नई पेंशन एक जुलाई 2018 से प्रभावी होगी।
प्रदेश सरकार ने वाहनों के परमिट शुल्क में 27 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा परिवहन विभाग के कर्मचारियों द्वारा लंबे समय से की जा रही सातवें वेतन की मांग को मंजूरी दे दी।
उत्तर प्रदेश के 788 राजकीय (बालक/बालिका) इंटर कॉलेजों में इंटर कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को कंप्यूटर का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रथम चरण में जनपद मुख्यालयों के 61 बालक व 69 बालिका राजकीय इंटर कॉलेजों के लिए कंप्यूटर साइंस के प्रवक्ताओं की अनुबंध पर नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए योगी सरकार शिक्षकों को 20 हजार रुपए प्रतिमाह मानदेय देगी।
गोरखपुर में विकास खंड पीपीगंज के गठन को निरस्त कर, विकास खंड भरोहिया के सृजन को यूपी कैबिनेट की स्वीकृति। निर्णय से लोगों तक सरकार की विकास योजनाओं का लाभ तेजी से पहुंचाने और विकास कार्यों के बेहतर क्रियान्वयन में मदद मिलेगी।
“उत्तर प्रदेश कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम, 1964” में संशोधन को यूपी कैबिनेट की मंजूरी। अब सिंघाड़ा निर्दिष्ट कृषि उत्पाद की श्रेणी से बाहर होगा और इस पर लग रहा विकास सेस सिंघाड़ा उत्पादकों से नहीं लिया जाएगा।
माटी कला बोर्ड के गठन को मिली मंजूरी।