- छात्राओं से अश्लीलता करने वाला शिक्षक गिरफ्तार: पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज, फरार हेड मास्टर भी मारपीट व अभद्रता में आरोपित
- CTET 2018: सीटीईटी में बीएड को मान्य न किए जाने पर विज्ञापन को चुनौती
- जिले के अंदर समायोजन व स्थानांतरण में नई नीति की जगह शिक्षकों की मुराद पूरी
- शिक्षक व अनुदेशिका के प्रेम प्रसंग से गांव के लोग परेशान
- 16 हजार से अधिक पदों पर भर्ती जल्द: मुख्य सचिव ने दो माह में चयन प्रकिया पूरी करने का दिया निर्देश: इन पदों पर होंगी नियुक्तियां
- बड़ी खबर : यूपी पुलिस सिपाही भर्ती लिखित परीक्षा 2018 की 18 और 19 जून की शाम की पाली की परीक्षा रद्द करने के संबंध में विज्ञप्ति जारी
- टीईटी 2018 के लिए सितंबर के दूसरे सप्ताह से ऑनलाइन आवेदन , इम्तिहान फरवरी 2019 में , शीर्ष कोर्ट के आदेश पर भर्ती
ग्राम शिक्षा समिति स्तर से हुआ था चयन: लगभग डेढ़ दशक पहले शिक्षामित्रों का चयन ग्राम शिक्षा समिति द्वारा मेरिट के आधार पर किया गया था। इसमें तमाम शातिर किस्म के लोग फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त कर नौकरी हथिया लिए थे। उस समय विभाग द्वारा कराए गए प्रमाण पत्रों के सत्यापन में भी खेल हुआ था। तमाम शिकायतों के बाद भी फर्जी शिक्षामित्र बने रहे। वर्ष 2015 में जब शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित किया गया तो इस प्रक्रिया में शैक्षिक प्रमाण पत्रों का सत्यापन जरूरी हो गया। यहीं फर्जी अंकपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षामित्र फंस गए।
>>वर्ष 2015 में समायोजन के बाद सत्यापन में खुली थी पोल
>>प्रमाण पत्रों के दोबारा सत्यापन के बाद अब हुई फर्जी अंकपत्र पर शिक्षामित्र की नौकरी कर रहे 26 लोगों को विभाग ने निष्कासित कर दिया। इनके शैक्षिक प्रमाण पत्रों का संबंधित बोर्ड से दो बार सत्यापन पूर्व में कराया जा चुका है। जिसमें इनके प्रमाण पत्र फर्जी होने की रिपोर्ट आई है। मामला जब संज्ञान में आया तो के लिए तत्काल पहल हुई। अरुण कुमार, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बस्ती