टीईटी -2017 की तरह पुनः जारी होगा, लिखित परीक्षा का संशोधित परिणाम!

जैसा कि कोर्ट में किरकिरी व दुर्गति होने के पश्चात पुनः टीईटी - 2017 का संशोधित परिणाम जारी हुआ था, लिखित परीक्षा पहली तारीख़ में सम्पन्न न हो करके दूसरी तारीख़ में सम्पन्न हुई थी, अब उसी के क्रम में लिखित परीक्षा को लेकर कोर्ट में योगी सरकार की किरकिरी व हो रही दुर्गति के बाद पुनः लिखित परीक्षा का
संशोधित परिणाम जारी करने का कार्य प्रारम्भ हो चुका है, कोर्ट को पारदर्शिता दिखाने का नाटक करने के लिए एससीईआरटी ने जांच समिति भी  कल दिनांक - 04 सितम्बर को गठित कर दी है, उक्त जांच समिति की आड़ में अब परीक्षा नियामक प्राधिकारी को कोर्ट से बचने के लिए अच्छा खासा बहाना मिल चुका हैं, अब पीएनपी आसानी पूर्वक से उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को पुनः फेल व अनुत्तीर्ण हुए अभ्यर्थियों को उत्तीर्ण कर सकेगी, जो सेटिंग करके पास हुए हैं और नियुक्ति पत्र ले रहे हैं, उनके लिए संकट हो सकता है, स्मरण हो कि उक्त पूरी प्रक्रिया कोर्ट ने अपने अधीन कर लिया है, जैसा कि कोर्ट की नाराजगी व अपने को हर स्तर पर फंसता देख करके बेसिक शिक्षा विभाग ने बहुतायत जनपदों में नियुक्ति पत्र न देने के लिए कल दिनांक - 04 सितम्बर को आदेश भी जारी कर दिया है, अब उक्त आदेश से जो कांउसिलिंग करवा चुके हैं, वह नियुक्ति पत्र के लिए व जो 40/45 के कट के नीचे हैं, वह भी लखनऊ की गलियों में संघर्ष करते व खाक छानते हुए नजर आयेंगे।
बहरहाल योगी सरकार अपने को सही साबित करने में सफल हो चुकी है, जो कांउसिलिंग करवा चुके हैं, यदि नियुक्ति पत्र प्राप्त कर ले तो, बड़े भाग्यशाली होगें और जो कट ऑफ के नीचे हैं, और कोर्ट से लेकर सड़क तक आंदोलन कर रहे हैं, यदि वह भी नियुक्ति पत्र पा जायेगें तो वह और अधिक भाग्यशाली कहलायेगें, जैसा कि कल दिनांक - 04 सितम्बर को लखनऊ के एक विशेष कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी के तीखेपन से यही स्पष्ट हो रहा है कि योगी सरकार आसानी से कुछ भी नहीं देना चाहती हैं, मुख्यमंत्री जी की पूरी मानसिकता अवशेष बची पूरी सीटों को अगली भर्ती में जोड़ करके नियुक्ति प्रक्रिया करने की योजना है, जिसकी तैयारी बेसिक शिक्षा विभाग ने प्रारम्भ भी कर दी है।