लखनऊ : भर्ती परीक्षाओं का पेपर आउट होने की हालिया घटनाओं को देखते हुए
आयोगों की कार्यप्रणाली में आगे चलकर कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
परीक्षा प्रक्रिया को सेंधमारी से बचाने के लिए आयोगों से सुधार के लिए
सुझाव मांगे गए हैं।
आठ सितंबर को मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की
अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी अध्यक्ष इसे प्रस्तुत करेंगे। इसके
बाद शासन स्तर पर इस पर विचार किया जाएगा। 1प्रदेश में पुलिस भर्ती और
नलकूप चालक परीक्षा का पेपर आउट होने की घटनाओं ने राज्य सरकार की बड़ी
किरकिरी हुई है। साथ ही प्रतियोगियों में भी अविश्वास बढ़ा है। इसे देखते
हुए ही परीक्षाओं की प्रक्रिया में सुधार की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। सबसे
अधिक चुनौती उन परीक्षाओं की है जिनमें सिर्फ लिखित परीक्षाएं होनी हैं। एक
ही परीक्षा के बाद सीधे नियुक्ति पाने की वजह से अभ्यर्थी उन्हें येन-केन
प्रकारेण उत्तीर्ण करना चाहते हैं और अक्सर दलालों के बीच फंस जाते हैं।
इनमें स्क्रीनिंग के विकल्प दिए जा सकते हैं।1उल्लेखनीय है कि परीक्षाओं
में दावेदारों की बढ़ती संख्या आयोगों के लिए परेशानी का बड़ा सबब है।
दूरदराज केंद्र बनाए जाने की वजह से नकल माफिया को सेंध लगाने का अवसर मिल
जाता है। स्क्रीनिंग के बाद अभ्यर्थियों की संख्या सीमित हो जाएगी, तब
परीक्षा पर नियंत्रण रखना आसान होगा। इसके साथ ही परीक्षा आयोजित करने वाली
संस्थाओं पर नकेल, प्रिटिंग प्रेस की गोपनीयता आदि को लेकर भी सुझाव दिए
जाएंगे।’आठ सितंबर को मुख्य सचिव के समक्ष रखे जाएंगे सुधार के
प्रस्ताव1’बिना साक्षात्कार वाली परीक्षाओं में स्क्रीनिंग पर भी होगा
विचार