लखनऊ: उत्तर प्रदेश
में सरकारी अनुदान न पाने वाले स्कूलों के शिक्षकों ने बुधवार (05 सितंबर)
को मानदेय बहाली की मांग को लेकर ‘वित्तविहीन शिक्षक महासभा' के बैनर तले
राजधानी लखनऊ में प्रदर्शन किया. उनमें से कुछ ने मानदेय रोके जाने के विरोधस्वरूप सिर भी मुंडाया.
उन्होंने बताया कि महासभा की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी रेनू ने सबसे पहले मुंडन कराया. आज जिन शिक्षकों ने मुंडन कराया, उनके बाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजे जाएंगे.
मिश्र ने कहा कि मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में वित्तविहीन शिक्षकों को एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय दिये जाने का मजाक उड़ाते हुए इसे 'भीख' बताया था और अपने घोषणापत्र में कहा था कि सत्ता में आने पर वह शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देगी, लेकिन सरकार बनने के बाद वह मानदेय भी बंद कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षा तंत्र में वित्तविहीन विद्यालयों का योगदान 87 प्रतिशत का है. सरकार हमसे परीक्षाएं आयोजित करवाती है, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराती है, मगर हमें सम्मान के योग्य नहीं समझती.
मिश्र ने कहा कि उनकी मांग है कि पहले मिल रहे मानदेय को बहाल किया जाए और सरकार सम्मानजनक मानदेय देने का अपना वादा पूरा करे.
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उन्होंने बताया कि महासभा की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष कुमारी रेनू ने सबसे पहले मुंडन कराया. आज जिन शिक्षकों ने मुंडन कराया, उनके बाल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पास भेजे जाएंगे.
मिश्र ने कहा कि मौजूदा सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्ववर्ती सपा सरकार के कार्यकाल में वित्तविहीन शिक्षकों को एक हजार रुपये प्रतिमाह की दर से मानदेय दिये जाने का मजाक उड़ाते हुए इसे 'भीख' बताया था और अपने घोषणापत्र में कहा था कि सत्ता में आने पर वह शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देगी, लेकिन सरकार बनने के बाद वह मानदेय भी बंद कर दिया गया.
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के शिक्षा तंत्र में वित्तविहीन विद्यालयों का योगदान 87 प्रतिशत का है. सरकार हमसे परीक्षाएं आयोजित करवाती है, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराती है, मगर हमें सम्मान के योग्य नहीं समझती.
मिश्र ने कहा कि उनकी मांग है कि पहले मिल रहे मानदेय को बहाल किया जाए और सरकार सम्मानजनक मानदेय देने का अपना वादा पूरा करे.
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