लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ ने 68500 सहायक अध्यापक भर्ती के नतीजों में गड़बड़ी की शिकायतें
सामने आने के बाद कार्रवाई करते हुए परीक्षा नियामक प्राधिकारी सुत्ता
सिंह को निलंबित कर दिया है.
जो नहीं हुए शामिल, वो भी रिजल्ट में हुए पास
उल्लेखनीय है कि सूबे में 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को घोषित हुआ था. सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम में 41,556 अभ्यर्थी चयनित हुए थे. रिजल्ट निकलने के बाद से ही यह लिखित परीक्षा सवालों के घेरे में थी. दरअसल, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे. यही नहीं, परीक्षा में फेल कुल 23 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया. इन 23 में से 20 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और इन्हें जिलों का आवंटन भी हो गया.
रोक दिए गए नियुक्ति पत्र
मंगलवार को गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में जिन जिलों में इन 20 फेल अभ्यर्थियों को भेजा गया था, वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से रोक दिया गया है. इन फेल अभ्यर्थियों का आवंटन जिन जिलों में हुआ था, उनमें मैनपुरी, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, चित्रकूट, बुलंदशहर, गोंडा और मेरठ शामिल हैं. गौरतलब है कि गुरुवार को सुत्ता सिंह ने कहा था कि छात्रों और शासन स्तर से परिणाम जल्दी जारी करने के लिए दबाव बनाए जाने के चलते ज्यादातर गड़बड़ियां हुई हैं. क्रॉसचेक करने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाता तो ऐसी स्थिति सामने नहीं आती.
अंकपत्र पर नंबर चढ़ाने में हुई गड़बड़ी
122 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी को 22 नंबर मिलने पर सुत्ता सिंह ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी कॉपी से अंकपत्र पर नंबर चढ़ाने के दौरान हुई है. 23 असफल अभ्यर्थियों को सफल बताए जाने का मामला भी कुछ ऐसा ही है. बताया गया है कि शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का परिणाम संशोधित कर इस महीने के अंत तक जारी किया जाएगा. इसके बाद जो अभ्यर्थी सफल होंगे, उनकी अलग से काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा.
अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को किया था प्रदर्शन
बता दें कि सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को लखनऊ में प्रोटेस्ट किया. सैकड़ों की संख्या में युवतियों सहित यहां पहुंचे युवाओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया था. अभ्यर्थी हाथ जोड़ कर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान यहां पहुंची पुलिस ने बलपूर्वक अभ्यर्थियों को हटाया. काउंसलिंग कराने और नौकरी की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने घसीटते हुए हटाया. इस दौरान युवक-युवती हाथ जोड़कर रोते देखे गए थे.
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जो नहीं हुए शामिल, वो भी रिजल्ट में हुए पास
उल्लेखनीय है कि सूबे में 68500 शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम 13 अगस्त को घोषित हुआ था. सहायक अध्यापक भर्ती की लिखित परीक्षा के परिणाम में 41,556 अभ्यर्थी चयनित हुए थे. रिजल्ट निकलने के बाद से ही यह लिखित परीक्षा सवालों के घेरे में थी. दरअसल, परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने दो ऐसे अभ्यर्थियों को सफल घोषित कर दिया जो परीक्षा में शामिल ही नहीं हुए थे. यही नहीं, परीक्षा में फेल कुल 23 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया. इन 23 में से 20 अभ्यर्थियों ने शिक्षक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था और इन्हें जिलों का आवंटन भी हो गया.
रोक दिए गए नियुक्ति पत्र
मंगलवार को गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था. आनन-फानन में जिन जिलों में इन 20 फेल अभ्यर्थियों को भेजा गया था, वहां के बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर इन्हें नियुक्ति पत्र जारी करने से रोक दिया गया है. इन फेल अभ्यर्थियों का आवंटन जिन जिलों में हुआ था, उनमें मैनपुरी, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, चित्रकूट, बुलंदशहर, गोंडा और मेरठ शामिल हैं. गौरतलब है कि गुरुवार को सुत्ता सिंह ने कहा था कि छात्रों और शासन स्तर से परिणाम जल्दी जारी करने के लिए दबाव बनाए जाने के चलते ज्यादातर गड़बड़ियां हुई हैं. क्रॉसचेक करने के लिए थोड़ा और वक्त मिल जाता तो ऐसी स्थिति सामने नहीं आती.
अंकपत्र पर नंबर चढ़ाने में हुई गड़बड़ी
122 नंबर पाने वाले अभ्यर्थी को 22 नंबर मिलने पर सुत्ता सिंह ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी कॉपी से अंकपत्र पर नंबर चढ़ाने के दौरान हुई है. 23 असफल अभ्यर्थियों को सफल बताए जाने का मामला भी कुछ ऐसा ही है. बताया गया है कि शिक्षकों की भर्ती परीक्षा का परिणाम संशोधित कर इस महीने के अंत तक जारी किया जाएगा. इसके बाद जो अभ्यर्थी सफल होंगे, उनकी अलग से काउंसिलिंग कराकर नियुक्ति पत्र जारी किया जाएगा.
अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को किया था प्रदर्शन
बता दें कि सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर होने वाले अभ्यर्थियों ने 2 सितंबर को लखनऊ में प्रोटेस्ट किया. सैकड़ों की संख्या में युवतियों सहित यहां पहुंचे युवाओं ने बेसिक शिक्षा निदेशालय पर प्रदर्शन किया था. अभ्यर्थी हाथ जोड़ कर प्रदर्शन कर रहे थे. इसी दौरान यहां पहुंची पुलिस ने बलपूर्वक अभ्यर्थियों को हटाया. काउंसलिंग कराने और नौकरी की मांग कर रहे अभ्यर्थियों को पुलिस ने घसीटते हुए हटाया. इस दौरान युवक-युवती हाथ जोड़कर रोते देखे गए थे.
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