68,500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की पूरी जांच , जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 68,500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है। उप सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद स्कंद शुक्ला ने 14 जिलों के कुछ चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्त पत्र देने पर रोक लगा दी है।
बताया जा रहा है कि गड़बड़ी के चलते परीक्षा में फेल 21 अभ्यर्थियों को पास कर दिया गया। परीक्षा में गलत तरीके से पास होने वाले इन अभ्यर्थियों की काउंसलिंग कराने के बाद जिले भी आवंटित कर दिए गए। मामला शिक्षा विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद संबंधित जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक लगा दी गई है।
जिन जिलों में इन फेल अभ्यर्थियों का आवंटन हुआ था उनमें मैनपुरी, अलीगढ़, बाराबंकी, सीतापुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बलरामपुर, मुरादाबाद, जौनपुर, चित्रकूट, बुलंदशहर, गोंडा और मेरठ शामिल हैं। उप सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने इन सभी जिलों के डायट प्राचार्यों, मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक को पत्र भेजकर नियुक्ति प्रक्रिया रोकने को कहा है।
परीक्षा में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के बाद अब शासन पर दबाव बन रहा है कि इस भर्ती परीक्षा की पूरी जांच कराई जाए। बेसिक शिक्षा परिषद एवं सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी के खेल का शिकार हुए शिक्षक भर्ती के दावेदारों ने पूरी परीक्षा प्रणाली की जांच के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने की तैयारी कर ली है। परीक्षार्थियों ने अधिवक्ता से मिलकर कोर्ट में याचिका दाखिल करने के बारे में राय ली है।