रामपुर। जिले के डेढ़ सौ से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जिनमें पहले तो
शिक्षामित्र तैनात थे लेकिन अब इन स्कूलों वो वापस नहीं जाना चाहते।
शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय में वापसी की प्रक्रिया के तहत
शिक्षामित्रों से विकल्प लिए गए हैं। इसमें 158 स्कूलों के लिए
शिक्षामित्रों ने विकल्प नहीं दिए हैं।
इससे प्रक्रिया लटक गई है। फिलहाल
अधिकारी इस मामले को लेकर शासन से राय मांग रहे हैं। इसके बाद ही प्रक्रिया
पूर्ण हो सकेगी।
सुप्रीम कोर्ट से शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द होने के बाद से
शिक्षामित्र मूल विद्यालय में वापसी की मांग कर रहे थे। इस पर जुलाई के अंत
में शासन ने आदेश जारी कर शिक्षामित्रों से विकल्प लेकर उन्हें मूल
विद्यालय या मौजूदा तैनाती वाले विद्यालय में तैनाती करने के निर्देश दिए।
महिला शिक्षामित्रों के लिए कुछ सहूलियत और दी गई। इसके बाद जिले में
शिक्षामित्रों से विकल्प मांगे गए लेकिन 158 शिक्षामित्र अब अपने मूल
विद्यालय में नहीं जाना चाहते हैं या फिर मौजूदा तैनाती वाले स्कूल में न
तो मौजूदा शिक्षामित्र रुकना चाहते हैं और न ही पुराने शिक्षामित्र आना
चाहते हैं। कई स्कूलों के हालात ऐसे हैं। इनमें मौजूदा और पुराने दोनों
शिक्षामित्र तैनाती चाहते हैं। इससे 158 स्कूलों के लिए शिक्षामित्रों ने
विकल्प ही नहीं दिया है। इस वजह से जिले में शिक्षामित्रों के मूल विद्यालय
में वापसी की प्रक्रिया लटक गई है।
शिक्षामित्रों के विकल्प की
प्रक्रिया में 158 स्कूलों के लिए विकल्प नहीं मिले हैं। इस कारण इस मामले
में अब सचिव महोदय से निर्देश और सुझाव मांगा जा रहा है। इसके आधार पर ही
प्रक्रिया पूर्ण की जाएगी। ऐश्वर्या लक्ष्मी, बीएसए