पहले दिन बड़ी संख्या में शिक्षकों का जमावड़ा रहा। तीन दिन तक काउंसलिंग प्रक्रिया चलने के बाद पदस्थापन व नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
इस दौरान बीएसए कार्यालय के कर्मचारियों ने शिक्षकों के अभिलेख आदि का सत्यापन किया। तीन सितंबर तक क्रमश: दिव्यांग, महिला व पुरुष शिक्षकों की काउंसलिंग कराने के बाद पदस्थापन व नियुक्ति पत्र वितरण का कार्य संपन्न होगा। इसको लेकर शनिवार को बीएसए कार्यालय में शिक्षकों की भीड़ रही। एडी बेसिक कार्यालय स्थित हाल में शिक्षकों के कागजात जमा किए गए। शिक्षकों में भी नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर काफी उत्सुकता देखी गई। देर शाम तक पहले दिन की काउंसलिंग प्रक्रिया चलती रही।
जिले में 1529 प्राथमिक व 568 जूनियर हाईस्कूल हैं। यहां बीते अगस्त तक एक लाख 89 हजार छात्र पंजीकृत थे। इनको पढ़ाने के लिए एक जूनियर हाईस्कूल में अमूमन तीन व प्राथमिक विद्यालय में दो अध्यापकों की आवश्यकता होती है। लेकिन जिले भर में करीब एक हजार शिक्षकों के पद रिक्त हैं। जिले के 1992 शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने के बाद स्थिति और बदतर हो गई है।
सबसे खराब स्थिति नगर क्षेत्र के स्कूलों में हैं। यहां 43 प्राथमिक व 13 जूनियर हाईस्कूल हैं, जिसके सापेक्ष कुल 29 शिक्षकों की तैनाती है। यहां कुल 32 शिक्षामित्र कार्यरत हैं। मौजूदा समय में एक-एक शिक्षकों के पास चार-पांच स्कूलों का चार्ज है। 28 स्कूल सिर्फ एकल शिक्षामित्रों के सहारे ही संचालित है। शिक्षामित्रों के अवकाश होने पर यहां तालाबंदी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
पहले 68500 शिक्षकों के सापेक्ष जिले के खाते में करीब एक हजार शिक्षक आ रहे थे। जिसे बाद में संशोधित करके 455 कर दिया गया। यदि एक हजार शिक्षक मिलते तो स्थिति बेहतर हो सकती थी, लेकिन अभी तक आवश्यकता से बहुत कम शिक्षक मिले हैं, जो ऊंट के मुंह में जीरा साबित होंगे।
बेहतर शिक्षा देने में मिलेगी सहूलियत
जिले में शिक्षकों की कमी है। इसकी वजह से कहीं न कहीं गुणवत्तापरक शिक्षण कार्य करने में कुछ असुविधा होती है। अब जिले को 455 नए शिक्षक मिले हैं, जिससे बेहतर शिक्षा प्रदान करने में कुछ सहूलियत मिलेगी। शनिवार को शिक्षकों की काउंसलिंग शुरू की गई है। पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर उन्हें नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे।
-अमिता सिंह, बीएसए फैजाबाद