इस पूरे मामले में फर्जी शिक्षकों के अलावा भर्ती गैंग से जुड़े 23 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है। इसमें 17 पुलिस की पकड़ में भी आ चुके हैं। दो दिन पहले भी एक और मास्टर माइंड को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फर्जी शिक्षकों से संबंधित परिषदीय विद्यालयों के 83 प्रधानाध्यापकों को निलंबित भी कर दिया गया है।
दो दिन पहले ही शासन ने इस मामले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने और विभिन्न देयकों में भुगतान होने पर वसूली के आदेश देते हुए तत्काल रिपोर्ट मांग ली। इससे शिक्षाधिकारियों की नींद उड़ गई। बीएसए चंद्रशेखर ने संबंधित प्रधान अध्यापकों के माध्यम से फर्जी शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
निवास और दिव्यांग प्रमाण पत्र में फर्जीवाड़ा
शिक्षक भर्ती में बड़े स्तर पर फर्जी मूल निवास प्रमाण पत्र का उपयोग किया गया है। कई मामले डायट प्राचार्य द्वारा पकड़े भी गए हैं। इसके अलावा वर्तमान शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में भी ऐसे ही 50 से अधिक चयनित शिक्षकों को तैनाती से रोक दिया गया है। मूल निवास प्रमाण पत्रों की जांच होने पर ऐसे 500 से अधिक मामले सामने आ सकते हैं। यही स्थिति दिव्यांग प्रमाण पत्रों की है।