UGC का नियम- कॉलेज में जमा नहीं करवाने होंगे असली सर्टिफिकेट

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन यानी यूजीसी ने कॉलेज के छात्रों को राहत देते हुए एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें कहा गया है कि अब कोई भी कॉलेज में एडमिशन लेते समय ओरिजनल डॉक्यूमेंट्स अपने पास नहीं रख सकता साथ ही एडमिशन कैंसल करवाने पर फीस भी वापस देनी होगी.

मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावेड़कर ने इस बात की जानकारी ट्वीट्स के जरिए दी. जहां उन्होंने लिखा- "उच्च शिक्षण संस्थान अगर दाखिला वापस लेने वाले विद्यार्थियों को उनकी फीस नहीं लौटाते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. अब से किसी भी शिक्षण संस्थान को विद्यार्थियों के दस्तावेजों की मूल प्रति रखने का अधिकार नहीं होगा"
साथ ही अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा- ''2019-2020 से विद्यार्थियों को अपने दस्तावेजों की मूल प्रति जैसे की मार्कशीट्स व अन्य सर्टिफिकेट्स शिक्षण संस्थान में दाखिला लेते समय नहीं जमा करवाना पड़ेगा'' .
बता दें, यूजीसी की नई गाइडलाइन के हिसाब से कोई भी कॉलेज यदि किसी भी छात्र के एडमिशन कैंसल करवाने के बाद फीस वापस नहीं करता है तो उस पर सख्त कार्रवाई  की जाएगी.
जानें- कितनी मिलेगी वापिस फीस
यूजीसी की नई गाइडलाइन के अनुसार  'अगर छात्र किसी भी कॉलेज से अपना नाम वापस लेता है तो कॉलेज की फीस लौटाना आवश्यक होगा. वहीं जावड़ेकर ने कहा कि कॉलेज एडमिशन प्रोसेसिंग फीस के नाम पर काफी फीस रख लेते हैं, लेकिन अब 5 फीसदी ही या अधिकतम 5 हजार रुपए ही कॉलेज अपने अकाउंट में रख सकता है.
प्रकाश जावेड़कर ने बताया- 'एडमिशन बंद होने की 15 दिने पहले कोई भी छात्र एडमिशन कैंसल करवाता है तो उसे 100 फीसदी फीस यानी पूरी फीस वापिस दी जाएगी.  वहीं किसी भी कॉलेज लेने के बाद एडमिशन की अंतिम तारीख से 15 दिन पहले एडमिशन कैंसल करवाने पर 90 फीसदी फीस वापिस मिलेगी.

वहीं अंतिम तारीख के बाद 15 दिनों के भीतर एडमिशन कैंसल करवाने पर कॉलेज को 80 फीसदी फीस वापिस लौटानी होगी.  50 फीसदी फीस उन छात्रों को लौटाई जाएगी जो एडमिशन होने के बाद 16 से 30 दिनों के भीतर एडमिशन कैंसल करवाते हैं. आपको बता दें, विश्वविद्यालयों द्वारा ग्रेजुएशन, पोस्टग्रेजुएशन और रिसर्च प्रोग्राम में  ये नियम लागू होगा. वहीं ये नियम डीम्ड विश्वविद्यालयों पर भी लागू होगा.