भर्ती परीक्षा में सुरक्षा का एसओपी: एसटीएफ ने गाइडलाइन शासन को भेजी, सॉल्वर गैंग पर नजर

प्रदेश में एक के बाद एक परीक्षाओं में सॉल्वर गैंग की सेंध ने शासन की चिंता काफी बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर एसटीएफ ने ऑनलाइन व ऑफलाइन परीक्षाओं की सुरक्षा व सुचिता को लेकर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार की है।
इसके साथ ही सॉल्वर गैंग पर नकेल कसने के लिए लगातार नजर रखी जा रही है। ऑनलाइन परीक्षाओं पर नजर रखने के लिए और कसरत चल रही है। 1उल्लेखनीय है कि फूलप्रूफ परीक्षा के दावों के बीच सॉल्वर गैंग दारोगा भर्ती व यूपीपीसीएल की ऑनलाइन परीक्षा समेत कई बड़ी परीक्षाओं में गड़बड़ी कर चुके हैं। भाजपा शासनकाल में एसटीएफ ने अब तक 12 से अधिक परीक्षाओं में धांधली पकड़ी है। खासकर ऑनलाइन परीक्षा संचालित कराने वाली संस्थाओं की भूमिका को लेकर बड़े सवाल खड़े हुए हैं। ऐसे में एसटीएफ ने कई बिंदुओं को ध्यान में एसओपी तैयार की है, ताकि संबंधित विभाग उनके अनुरूप परीक्षा की तैयारी कर सकें। परीक्षा संचालन में विशेषज्ञ एजेंसियों का सहयोग बढ़ाने की सिफारिश भी की गई है। दरअसल, ऑनलाइन परीक्षा में वॉट्सएप के जरिये पेपर के लीक होने की चुनौती बड़ी है। सोशल मीडिया के बढ़ते दखल के चलते ही एसटीएफ ने परीक्षा खत्म होने तक किसी भी अभ्यर्थी को परीक्षा कक्ष से बाहर निकलने की अनुमति न दिये जाने की सिफारिश भी की है। परीक्षा की सुरक्षा को लेकर विस्तृत एसओपी बनाई गई है।
दिए गए ये अहम सुझाव
प्रश्नपत्र के कम से कम 10 सेट बनें और परीक्षा समिति दो-तीन सेट चुने। ’प्रश्न की सीरीज कोड में लिखी जाये। सीरीज की संख्या अधिक से अधिक रखी जाए।’प्रश्न के उत्तर के विकल्प के सीक्वेंस भी बदले जाएं। ’प्रश्नपत्रों के सील पैकेट कुछ अभ्यर्थियों के समक्ष उनके हस्ताक्षर कराकर खोले जाएं।’नकल के बदनाम केंद्र हमेशा के लिए प्रतिबंधित किये जाएं।’ओएमआर शीट की तीन प्रतियां हों। एक अभ्यर्थी को दी जाये, दूसरी सील बंद कर परीक्षा समिति के पास रहे और तीसरी नियामक संस्था को चेकिंग के लिए दी जाए। ’परीक्षा केंद्र में मजिस्टेट व पुलिस अधिकारी को छोड़कर अन्य सभी के लिये मोबाइल प्रतिबंधित रहें।’एक लाख से अधिक अभ्यर्थी हैं तो प्री व मेन परीक्षा का सिस्टम लागू हो। ’ऑनलाइन परीक्षा 100 फीसद आउटसोर्सिग से न हो।