69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के 54 प्रश्नों के उत्तर आंसर-की में
सही थे, फिर भी अभ्यर्थियों ने इस पर आपत्ति दर्ज करा दी। हालांकि, प्रथम
दौर की जांच में ही ये आपत्तियां निरस्त कर दी गईं।
सचिव की ओर से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी आठ जनवरी को जारी करने के बाद परीक्षार्थियों से 11 जनवरी की शाम छह बजे तक आपत्ति दाखिल करने को कहा गया था। कई परीक्षार्थियों ने परीक्षा नियामक की ओर से जारी उत्तर को सही माना, लेकिन आपत्ति दाखिल कर दी।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी ने इस बात को
हास्यास्पद बताया। कहा, 150 प्रश्नों में 142 के खिलाफ परीक्षार्थियों ने
आपत्ति दाखिल कर दी। परीक्षार्थियों की आपत्ति की जब जांच की गई तो पता चला
कि 54 ऐसे प्रश्न हैं, जिसके जवाब और परीक्षार्थियों के जवाब एक ही हैं।
इसके बाद भी आपत्तियां आईं। सचिव का कहना है कि यह 54 सवाल पहली बार
स्क्रीनिंग में ही निरस्त कर दिए गए।
उन्होंने कहा कि आगे यही परीक्षार्थी जब कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे तो वहां यह बताया जा सकेगा कि किस प्रकार से परीक्षार्थियों ने उनके ही उत्तर को सही मानकर आपत्ति दाखिल की है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से होने वाली परीक्षाओं के सवाल पर आपत्ति उठाने के लिए अब परीक्षार्थियों को शुल्क देना पड़ सकता है। सीबीएसई की ओर से होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) और यूजीसी नेट में भी परीक्षार्थियों की ओर से किसी सवाल पर आपत्ति जताने पर एक हजार रुपये प्रति प्रश्न शुल्क लिया जाता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय भी इसी प्रकार की व्यवस्था पर विचार कर रहा है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों की पुस्तकों में दी गई जानकारी उच्च कक्षाओं में अपग्रेड कर दी गई है। ऐसे में परीक्षार्थी परिषदीय पुस्तकों को क्यों आधार मानते हैं। उनका कहना है कि छोटी कक्षाओं में दी गई जानकारी आगे की कक्षाओं में अपग्रेड कर दी गई है। परीक्षा नियामक के इस बयान के बाद तो अब लग रहा है कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को छोटी कक्षाओं में गलत जानकारी दी जा रही है।
सचिव की ओर से सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा की उत्तर कुंजी आठ जनवरी को जारी करने के बाद परीक्षार्थियों से 11 जनवरी की शाम छह बजे तक आपत्ति दाखिल करने को कहा गया था। कई परीक्षार्थियों ने परीक्षा नियामक की ओर से जारी उत्तर को सही माना, लेकिन आपत्ति दाखिल कर दी।
उन्होंने कहा कि आगे यही परीक्षार्थी जब कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे तो वहां यह बताया जा सकेगा कि किस प्रकार से परीक्षार्थियों ने उनके ही उत्तर को सही मानकर आपत्ति दाखिल की है।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से होने वाली परीक्षाओं के सवाल पर आपत्ति उठाने के लिए अब परीक्षार्थियों को शुल्क देना पड़ सकता है। सीबीएसई की ओर से होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) और यूजीसी नेट में भी परीक्षार्थियों की ओर से किसी सवाल पर आपत्ति जताने पर एक हजार रुपये प्रति प्रश्न शुल्क लिया जाता है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय भी इसी प्रकार की व्यवस्था पर विचार कर रहा है।
सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी का कहना है कि परिषदीय विद्यालयों की पुस्तकों में दी गई जानकारी उच्च कक्षाओं में अपग्रेड कर दी गई है। ऐसे में परीक्षार्थी परिषदीय पुस्तकों को क्यों आधार मानते हैं। उनका कहना है कि छोटी कक्षाओं में दी गई जानकारी आगे की कक्षाओं में अपग्रेड कर दी गई है। परीक्षा नियामक के इस बयान के बाद तो अब लग रहा है कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को छोटी कक्षाओं में गलत जानकारी दी जा रही है।