नई दिल्ली। सरकारी और निजी संस्थानों में कार्यरत महिलाओं के लिए अनिवार्य
मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी बेनिफिट) को तीन माह से बढ़ाकर आठ महीने करने को
सचिवों की समिति ने मंजूरी दे दी है। इससे गर्भवती महिलाओं को एक माह की
छुट्टी बच्चा जन्म लेने से पहले और सात माह का अवकाश जन्म के बाद अनिवार्य
तौर पर मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यह अवधि के दौरान उनके वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट सचिवालय को हाल में भेजे गए प्रस्ताव पर सचिवों की समिति ने चर्चा कर अपनी मुहर लगा दी है। अब अगले कदम के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 17 संबंधित मंत्रालयों को चिट्ठी लिखेगा, ताकि इसी वर्ष से कामकाजी महिलाओं को नए नियम का लाभ मिलना शुरू हो सके। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंत्रालय के इस प्रस्ताव की सराहना कर चुके हैं। इसलिए कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश बढ़ने की संभावना है। नए प्रस्ताव से कामकाजी महिलाओं के मां बनने में अब छुट्टी की समस्या कम होगी।
सचिवों की समिति ने मंजूर किया प्रस्ताव, अभी तक तीन महीने का था प्रावधान
मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि कैबिनेट सचिवालय को हाल में भेजे गए प्रस्ताव पर सचिवों की समिति ने चर्चा कर अपनी मुहर लगा दी है। अब अगले कदम के तहत महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 17 संबंधित मंत्रालयों को चिट्ठी लिखेगा, ताकि इसी वर्ष से कामकाजी महिलाओं को नए नियम का लाभ मिलना शुरू हो सके। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मंत्रालय के इस प्रस्ताव की सराहना कर चुके हैं। इसलिए कामकाजी महिलाओं के लिए मातृत्व अवकाश बढ़ने की संभावना है। नए प्रस्ताव से कामकाजी महिलाओं के मां बनने में अब छुट्टी की समस्या कम होगी।
सचिवों की समिति ने मंजूर किया प्रस्ताव, अभी तक तीन महीने का था प्रावधान
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