अब बात करते है की फिर याची राहत क्यों नही मिला.. तो वास्तविकता सुनिए.. : अरशद अली

याची राहत इसलिए नही मिला क्योंकि बीटीसी वाले याची राहत के खिलाफ थे और याची राहत के खिलाफ बीटीसी ट्रेनी वेलफेयर एसोसिएशन ने एक याचिका 102/2016 दाखिल की थी जिस पर उनके सीनियर वकील

प्रदीप कान्त ने 23 अगस्त 2010 NCTE की अधिसूचना तथा 1981 सेवा नियमावली को आधार बनाते हुए रिक्त पदों पर सिर्फ बीटीसी की दावेदारी बताते हुए याचियों की नियुक्ति का विरोध किया जिसमे वो कामयाब हो गए..ये बात किसी नेता ने अपनी पोस्ट में विस्तार से नही बताई..
5 oct को भी बीटीसी वाले याची राहत में अड़ंगा लगाएंगे और सरकार अपने जवाब में पदों का रोना रो देगी...और कोर्ट पुनः कोई बिना मतलब का आर्डर करके एक और डेट दे देगी।
संभवतः कुछ अपने ही विरोधियो से मिलकर 5 oct की सुनवाई को 23 nov ले जाने का भी प्रयास करेंगे... खैर आप प्रश्न उठता है की फिर कैसे याची राहत प्राप्त की जाये..तो इसका एक ही उपाय है हमे अपनी अकड़ को जेब में रखकर नियोक्ता(सरकार) के समक्ष एक याची की हैसियत से ही पुनः याचना करनी होगी और उसे विश्वास में लेना होगा..
किसी भी प्रकार का बचपना घातक सिद्ध होगा.. लोहा गर्म होने का ये मतलब नही की हम हतौडा लेकर उसे पीटने लगे.. उसके लिए उचित तापमान और संतुलित वार की जरूरत हैं..
जल्द ही अपनी योजनाओं से अगली पोस्ट में अवगत कराऊंगा..
एक निवेदन करूँगा की अब जातिवाद, जिलावाद.. छोड़कर सिर्फ अचयनितवाद में हम सभी को आना होगा..
हम किसकी टीम में याची है ये महत्वपूर्ण नही है बल्कि ये महत्तवपूर्ण है कि हम याची राहत को किस प्रकार से प्राप्त करें..
इसलिए चयन से वंचित समस्त साथियों को एक सूत्र एक मंच पर आना ही होगा..
मैं एक पहल करता हूँ समस्त चयन से वंचित साथियों को एक साथ आने के लिए..
""एक साथ आना एक शुरुआत है, एक साथ रहना प्रगति हैं, एक साथ काम करना सफलता है- हेनरी फोर्ड""
जो मेरे विचारों का सम्मान करते है और अपने चयन के लिए मेरे साथ पूर्ण निष्ठा से अचयनितो के एक मंच पर आना चाहे वे सभी कमेंट में अपना नाम नंबर व जिला दें.. शीघ्र ही आप सभी को आगे की रणनीती से अवगत करा दिया जायेगा.. आप चाहे तो मेरे व्हाट्सएप नंबर पर भी मुझे अपना नाम,ज़िला नोट करवा सकते है... अग्रिम धन्यवाद।
आपका साथी
अरशद अली
चयन से वंचित
104 सामान्य कला वर्ग
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