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झूठे मेडिकल प्रमाण-पत्र लगाकर हासिल की नौकरी : सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने सपना पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों ने कई तरह के पैतरे अपनाएं

लखनऊ, हिन्दुस्तान टीम सरकारी स्कूलों में शिक्षक बनने सपना पूरा करने के लिए अभ्यर्थियों ने कई तरह के पैतरे अपनाएं। झूठे मेडिकल प्रमाण-पत्र तक लगाने से गुरेज नहीं किया।
अब तक 100 से ज्यादा विशिष्ठ बीटीसी शिक्षकों के मेडिकल प्रमाण-पत्र पर संदेह जाहिर किया है। इसकी रिपोर्ट स्वास्थ्य महकमे ने शिक्षा विभाग को भेज दी है। वहीं 200 से ज्यादा शिक्षकों को दोबारा जांच कराने को कहा गया।
2006 से 2008 तक विशिष्ठ बीटीसी के तहत शिक्षकों की भर्ती हुई। इसमें तमाम तरह की शिकायत हुईं। सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा। कोर्ट ने मार्च में द्विव्यांग कोटे के तहत भर्ती शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच के आदेश दिए हैं। करीब 1560 शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच होनी है। लखनऊ सीएमओ को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब तक 750 शिक्षकों के द्विव्यांग प्रमाण-पत्रों की जांच हुई है। इसमें 80 से 100 शिक्षकों के प्रमाण-पत्र झूठे मिले हैं। इन शिक्षकों में नियमानुसार किसी भी तरह द्विव्यांगता नहीं पाई गई है।

मेडिकल बोर्ड ने ऐसे शिक्षकों की रिपोर्ट शिक्षा विभाग को भेज दी है। जांच के लिए भेजे गए 150 शिक्षक नहीं लौटेस्वास्थ्य विभाग के अफसरों के मुताबिक 150 शिक्षकों के द्विव्यांग होने पर बोर्ड के डॉक्टरों ने शक जाहिर किया है। ऐसे शिक्षकों की दोबारा जांच कराने का फैसला किया। बोर्ड के सदस्यों ने शिक्षकों को केजीएमयू के विभिन्न विभागों में जांच के लिए भेजा गया है। अब तक शिक्षक जांच के बाद नहीं लौटे हैं।इनके प्रमाण-पत्र लगाए सबसे ज्यादासबसे ज्यादा शिक्षकों ने सुनाई और दिखाई (कमजोर नजर) न देने का प्रमाण-पत्र लगाया है।
डॉक्टरों का कहना है कि इन बीमारियों की जांच कठिन है। केजीएमयू से दोबारा जांच कराई जा रही है। यहां विशेषज्ञ इनकी जांच के बाद रिपोर्ट देंगे। रिपोर्ट का मेडिकल बोर्ड के सदस्य सत्यापन करेंगे। उसके बाद ही इन शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की सच्चाई का पता लगाया जा सकेगा।वर्जनशिक्षकों के द्विव्यांग प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए बोर्ड गठित किया गया है। प्रमाण-पत्रों में जो गड़बड़ियां मिल रही हैं उससे संबंधित विभाग को अवगत करा दिया गया है। मेडिकल बोर्ड के सदस्यों ने कई शिक्षकों को केजीएमयू से दोबारा जांच कराने को कहा है।डॉ. एसएनएस यादव, सीएमओ

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