बैंक में लाइन लगाएं या स्कूलों में पढ़ाएं गुरुजी

अमर उजाला/गोंडा 1000 व 500 के नोटों बंद होने से परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने वाले नौनिहालों के निवाले पर संकट खड़ा हो गया है। बड़े नोटों का चलन बंद होने से स्कूलों में मिड-डे मील के लिए खाद्य सामग्री नही आ रही है।
इस स्थिति ने विद्यालय के शिक्षकों की परेशानी बढ़ा दी है। रुपयों की व्यवस्था के लिए विद्यालय के गुरुजी स्कूल छोड़ बैंकों में लाइन लगाने को विवश हैं। ऐसे में बच्चों को भोजन के साथ-साथ पढ़ाई का भी संकट खड़ा हो गया है।
परिषदीय स्कूलों में बच्चों को दोपहर में भोजन देने के लिए मिड-डे मील योजना संचालित है। इस व्यवस्था में अनाज को छोड़कर सब्जी, दाल, मसाला व अन्य सामग्री को बाहर से खरीद कर लाना पड़ता है। इसके लिए नकद राशि की आवश्यकता होती है। लेकिन 500 व 1000 के नोट बंद होने से विद्यालय में मिड-डे मील की व्यवस्था प्रभावित हो गई है। किराना दुकानदार बड़े नोटों को लेने से इंकार कर रहे हैं जिससे इन स्कूलों को खाद्य सामग्री नही मिल पा रही है।

इस समस्या से निपटने के लिए विद्यालय में कार्यरत शिक्षक स्कूल छोड़कर बैंकों में लाइन लगा रहे हैं। इन लाइनों में उनका पूरा दिन बीत रहा है। इसके बावजूद भी उन्हें 1000 से 2000 रुपये का ही भुगतान किया जा रहा है। जिससे मिड-डे मील के संचालन में बाधा आ रही है। इस समस्या से इन बच्चों के निवाले पर ही संकट खड़ा हो गया है। उनको न तो भोजन ही ठीक ढंग से मिल रहा है और न ही उनकी पढ़ाई ही हो पा रही है।

स्कूलों में मिड-डे मील के संचालन में आ रही समस्या के निस्तारण के लिए सोमवार को विशिष्ट बीटीसी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने सर्व यूपी ग्रामीण बैंक के मुख्य प्रबंधक से मुलाकात की और भुगतान की राशि बढ़ाए जाने की मांग की।

एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अनूप सिंह ने मुख्य प्रबंधक को बताया कि शिक्षकों को बैंकों में सिर्फ 1000 व 2000 रुपये ही भुगतान किया जा रहा है। इसके अलावा शिक्षकों को पूरा दिन बैंकों में लाइन लगानी पड़ रही है जिससे विद्यालय में शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।

शिक्षकों ने मुख्य प्रबंधक से मिड-डे मील व विद्यालय प्रबंध समिति के चेकों का पूरा भुगतान कराए जाने की मांग की है। मुख्य प्रबंधक ने शिक्षकों को समस्या के निराकरण का भरोसा दिलाया है। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य आजाद बेग, जिला मंत्री आशुतोष तिवारी, हकीकुल्लाह, रविकांत मिश्रा, राखाराम आदि मौजूद रहे।
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