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ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में होंगे शिक्षकों के तबादले, नगरीय इलाके के स्कूलों में शिक्षकों के आधे रिक्त पद भरने की मंशा

लखनऊ : कुछ चुनाव पर निगाहें और कुछ शहरी इलाकों के परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की जबर्दस्त कमी। शायद यही वजह है कि सरकार को छह साल बाद एक बार फिर परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों का ग्रामीण क्षेत्रों
से शहरी इलाकों में तबादला करने की याद आयी है।
बेसिक शिक्षा परिषद ने इस बारे में शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। सरकार ने वर्ष 2010 में ग्रामीण से शहरी इलाकों में शिक्षकों का तबादला किया था। ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों का संवर्ग अलग-अलग है। सामान्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों के शिक्षक नगरीय इलाकों में नहीं होते हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 1,09,471 प्राथमिक स्कूल और 44,788 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं।
 ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में 3.14 लाख और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 1.16 लाख शिक्षक हैं। वहीं नगरीय इलाकों में 4,712 प्राथमिक स्कूल और 846 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। नगरीय क्षेत्र के प्राथमिक स्कूलों में 22 हजार और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 5800 शिक्षक तैनात हैं। नगरीय क्षेत्रों के परिषदीय स्कूलों में लंबे अरसे से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। वहीं दूसरी ओर साल दर साल शिक्षक रिटायर होते रहे। इससे नगरीय क्षेत्र के स्कूलों में शिक्षकों की जबर्दस्त कमी हो गई है। कई नगरीय क्षेत्रों में तो जितने स्कूल हैं, उतने शिक्षक नहीं हैं। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों के बहुतेरे शिक्षक शहरी स्कूलों में तबादला चाहते हैं। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार भी शिक्षकों की यह मुराद पूरी करना चाहती है। लिहाजा बेसिक शिक्षा निदेशालय ने शासन को इस बारे में प्रस्ताव भेज दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि नगर क्षेत्र के स्कूलों में सहायक अध्यापकों के जितने पद खाली हैं, उनमें से आधे पदों पर ग्रामीण इलाकों के शिक्षकों का वरिष्ठता के आधार पर तबादला किया जाएगा।6नगरीय इलाके के स्कूलों में शिक्षकों के आधे रिक्त पद भरने की मंशा

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