27 फ़रवरी 2017 को माननीय सुप्रीम कोर्ट में शिव कुमार पाठक के केस की सुनवाई का विवरण: आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश की कलम से

मित्रों कल 27 फ़रवरी 2017 को माननीय सुप्रीम कोर्ट में शिव कुमार पाठक के केस की सुनवाई हुई, जिसमें जस्टिस खानविल्कर जी ने केस सुनने में असमर्थता जताते हुए अपने आप को एक बार फिर कैस से अलग कर लिया।
जिसके बाद इस केस का वही आर ऑर्डर दिया गया जो अपने मुख्य केस का 22 फरवरी 2017 को दिया
गया था। तथा डेट रजिस्ट्री को तय करना थी। और रजिस्ट्री ने कल ही डेट लगा दी तो इसमें इतना हौ हल्ला करने की क्या आवश्यकता है?
एक तो ये केस जूनियर एकेडमिक भर्ती का है, जिससे हमारा कोई लेना देना नहीं था। परंतु विरोधी हमें कहां घेर ले, इसका भी कोई पता नहीं। इसलिए हम सबको सतर्क रहना पड़ता है। और हर केस पर पैनी नजर बनाकर रखना पड़ती है।
कुछ लोगों तथा निष्क्रिय, सक्रिय तथाकथित टीमो व संघों ने आरोप प्रत्यारोप किए कि बिना एसएलपी के कैसे वकील खड़े कर दिए?  तो हम इस संबंध में स्पष्ट रुप से कुछ नहीं बता सकते, परंतु इतना कह सकते हैं कि वकीलों के पास और भी बहुत से रास्ते होते हैं जिससे वे केस पर नजर रखे रहें। इसलिए मित्रों आप लोग इन कुकुरमुत्तों की बातों पर न जाएं। क्योंकि अगर कल ईश्वर न करें, कुछ उल्टा सीधा हो जाता तो संगठन पर ही ठीकरा फोड़ा जाता। ये ईश्वर की कृपा रही थी कल कि जस्टिस खानविलकर जी ने केस सुनने से मना कर दिया। और अब जो आगे की डेट शो हो रही है वो 20 मार्च 2017 हो रही है। परंतु केस स्टेटस अभी भी पेंडिंग स्टेटस में है। इसलिए जबतक एडवांस लिस्ट नहीं आ जाती तब तक यह निश्चित नहीं है कि 20 मार्च को केस लगेगा अथवा नहीं। लेकिन हमें हर आने वाले दिन को अपने लिए चुनौती मानते हुए तैयारी रखना है। इसलिए 20 मार्च के लिए भी हम लोगों को तैयार रहना होगा। और हम अपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। यह आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन आपसे वादा करता है।
इसी के साथ......
जय शिक्षक......
जय शिक्षा मित्र......
आपका,
जितेंद्र शाही,
विश्वनाथ सिंह कुशवाहा,
लेखक,
सय्यद जावेद मियाँ,
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तर प्रदेश।

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