Ticker

6/recent/ticker-posts

Ad Code

एक आतंकी के लिए सुप्रीम कोर्ट रात 3 बजे बैठ सकती है, तो लाखों टेट बनाम शिक्षा मित्रों के लिए यह कैसे हो

RTE के जानकार एवंम अच्छे लेखक श्याम देव मिश्रा जी ने इस पर अपने विचार रखे :-  Shyam Dev Mishra >> आज की घटना के बाद क्षुब्ध मन में आये एक विचार को साझा कर रहा हूँ, हो सकता है कि आप में से कइयों को यह बचकाना या अतिशयोक्ति लगे, पर अपने तमाम भाइयों की बेहतरी के लिए मन में आये इस विचार को साझा करने से खुद को रोक नहीं पा रहा।


इस देश की न्यायपालिका जब एक आतंकी के लिए रात के तीन बजे सुनवाई के लिए बैठ सकती है तो क्या लखनऊ की सड़कों पर सरकार को हिला देने वाले और सुप्रीम कोर्ट में बड़े से बड़े वकीलों की फ़ौज खड़ी कर देने वाले योग्य और जुझारू युवा कुछ ऐसा नहीं कर सकते, कि भर्ती का रायता जल्द से जल्द समेटना कोर्ट की प्राथमिकता में शामिल हो जाये?

यह कैसे होगा, कौन करेगा, कुछ स्पष्ट नहीं मन में, पर क्या विधिक दायरे में रहते हुए ऐसा करने का कोई तरीका सोचा और आजमाया जा सकता है?

आज वाकई नौकरी या नौकरी के स्थायित्व की आस लगाए बैठे हज़ारों-हज़ार युवाओं और उनके परिजनों के साथ हो रहे राजनैतिक विद्रूप से मन आहत हो उठा है।

ईश्वर आप सब को शक्ति दे।
*******

इनकी पोस्ट पर कमेंट देने वालों ने लिखा की किसी भी राजनितिक पार्टी को इस समय इस केस के टलने से ही राहत है, कोई जल्दी नहीं चाहता
Sudhir Tiwari >>>सब वोट बैंक का चक्कर है। याकूब के लिए खड़े होना भी वोटबैंक था। उत्तर प्रदेश शिक्षा से संबंधित आज के मामले में कोई राजनीतिक दल या नेता शीघ्र सुनवाई नहीं चाहेगा । मामले का टाला जाना ही नेताओं के हक में है।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

إرسال تعليق

0 تعليقات

latest updates

latest updates

Random Posts