कालो के काल महाकाल महाशिवरात्रि पर आपको काल के गाल में समा देने को आतुर दुष्टात्माओं को काल कलवित करे और सभी का उद्धार हो। साथियो ,परिस्थितियां इसलिए कठिन नही कि एक डेट का बोझिल इंतजार हमारे हिस्से आया बल्कि जिस तरह का रवैया हमारे खेवनहारो ने अपनाया है वो आश्चर्यचकित कर देने वाला तो नही अपितु खतरे की घण्टी के साथ सजग कर देने वाला है।
तृतीय सोपान के इस संघर्ष की बागडोर यदि अभी भी अच्यनितो ने नही सम्भाली तो सिवाय शोषण ,धोखा और राजनितिक षड्यंत्र के अलावा कुछ नसीब नही होगा।इस सबके लिए ईमानदारों लोगो को प्रत्येक जनपद से आगे आना होगा।जो लोग याची व्यवसाय के गोरखधंधे में आकंठ तक डूबे है उनको इसलिए दरकिनार करना पड़ेगा क्योंकि भेद खुलने के भय से वो चयनित याची व्यवसाइयों के राजनैतिक हथियार बन सकते है और याचिओ को भी इस भयातुरता से बाहर आना होगा कि कोई भी व्यक्ति आपका नाम सम्बन्धित आई ए से पृथक कर सकता है।
हालांकि कानपूर संघठन इन घाघ चयनितों द्वारा पूरी तरह निचोड़ा जा चूका है साथ ही इन चंटो ने संघठन में राजनैतिक उथल पुथल मचा रखी थी,बावजूद इसके वर्तमान परिस्थितियों में कानपूर संघठन एक सूत्र में फिर से उठ खड़ा होने को आतुर है।जिले के अग्रणी भाई भूतकाल के कटुअनुभव से सीख लेते हुए अपनी लड़ाई स्वयं लड़ना चाहते है।
प्रत्येक जनपद के वो लोग जो सिर्फ और सिर्फ नौकरी चाहते है आगे आकर अपने स्थानीय संघठन को मजबूत करे एक ऐसी व्यवस्था का सृजन किया जायेगा जिससे आप विधिक मामलो में इन चयनितों का मुंह न ताके।बेरोजगारों के धन से फौरी तौर पर तो ऐयासी की जा सकती है अंततः इसके परिणाम अत्यंत गम्भीर होंगे।
अंत में एक बात अच्छी तरह अपने दिमाग में डाल ले कि कोई भी चयनित अब आपके लिये नही लड़ने वाला,इनपर भरोषा जताना अपनी कब्र पर मिट्टी डालने के समान होगा।ये मुखौटे आपको अंतहीन दर्द तो दे सकते है दवा नही.....
तो साथियो समय है उठ खड़े हो।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- सोशल मीडिया पर आगामी सुनवाई की तिथि भ्रामक , नई बेंच मे भी सीनियर जज श्री दीपक मिश्रा सर ही रहेंगे
- 22 फरवरी सुप्रीमकोर्ट सुनवाई का विवरण बिन्दुवार : Himanshu Rana , Mayank Tiwari, Gazi imam Ala , Ganesh Dixit , S K Pathak
- कोर्ट अपडेट: कल sc में रिट संख्या 4347-4375/2014 शिवकुमार पाठक पर कोर्ट नम्बर 2 में सीरियल नम्बर 7 की सुनवाई का विवरण
- मेरे निम्न बिन्दुओं पर समस्त चयनित - अचयनित और कोई भी टीम ध्यान दें : हिमांशु राणा
- 22 फरवरी : कुल 3 मिनट तक की सुनवाई हुई ,जिसमें 2:30 मिनट फ़र्जीवाड़े पर नाफ्डे जी बोले.....अब सवाल यॆ की..
तृतीय सोपान के इस संघर्ष की बागडोर यदि अभी भी अच्यनितो ने नही सम्भाली तो सिवाय शोषण ,धोखा और राजनितिक षड्यंत्र के अलावा कुछ नसीब नही होगा।इस सबके लिए ईमानदारों लोगो को प्रत्येक जनपद से आगे आना होगा।जो लोग याची व्यवसाय के गोरखधंधे में आकंठ तक डूबे है उनको इसलिए दरकिनार करना पड़ेगा क्योंकि भेद खुलने के भय से वो चयनित याची व्यवसाइयों के राजनैतिक हथियार बन सकते है और याचिओ को भी इस भयातुरता से बाहर आना होगा कि कोई भी व्यक्ति आपका नाम सम्बन्धित आई ए से पृथक कर सकता है।
हालांकि कानपूर संघठन इन घाघ चयनितों द्वारा पूरी तरह निचोड़ा जा चूका है साथ ही इन चंटो ने संघठन में राजनैतिक उथल पुथल मचा रखी थी,बावजूद इसके वर्तमान परिस्थितियों में कानपूर संघठन एक सूत्र में फिर से उठ खड़ा होने को आतुर है।जिले के अग्रणी भाई भूतकाल के कटुअनुभव से सीख लेते हुए अपनी लड़ाई स्वयं लड़ना चाहते है।
प्रत्येक जनपद के वो लोग जो सिर्फ और सिर्फ नौकरी चाहते है आगे आकर अपने स्थानीय संघठन को मजबूत करे एक ऐसी व्यवस्था का सृजन किया जायेगा जिससे आप विधिक मामलो में इन चयनितों का मुंह न ताके।बेरोजगारों के धन से फौरी तौर पर तो ऐयासी की जा सकती है अंततः इसके परिणाम अत्यंत गम्भीर होंगे।
अंत में एक बात अच्छी तरह अपने दिमाग में डाल ले कि कोई भी चयनित अब आपके लिये नही लड़ने वाला,इनपर भरोषा जताना अपनी कब्र पर मिट्टी डालने के समान होगा।ये मुखौटे आपको अंतहीन दर्द तो दे सकते है दवा नही.....
तो साथियो समय है उठ खड़े हो।
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
- शिक्षा मित्रों को स्थगन आदेश मिलने के बाद आज तक इस गम्भीर प्रकरण पर सुनवाई क्यों नहीं हुई ?
- आप लोग 40000 रूपया उठाते रहे और खुशी मनाते रहे...........शिक्षामित्र के वकिल सलमान खुशीर्द
- बेबी को तो बेस पसन्द है ....शिक्षामित्रों को डेट पसन्द है.....बीएड वालों को टेट पसन्द है.....लेकिन यूपी को क्या पसन्द है...
- डेट बढ़ने से शिक्षा मित्र खुश और याची मायूस , इस मामले में जेठमलानी और शिक्षा मित्र की हार ही हुई वो भी पूरी तरह से
- समायोजित हुए 90% शिक्षामित्रों को वेतन, लगभग 61 हजार प्रशिक्षुओं को नियुक्ति
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