यूपी के कुछ भर्ती आयोग हो सकते हैं भंग, इससे भर्तियाँ होंगी खासी प्रभावित: - भर्ती आयोगों में चहेतों को तैनाती देने के लगते रहे हैं आरोप

भर्ती आयोगों में चहेतों को तैनाती देने के लगते रहे हैं आरोप
प्रमुख संवाददाता- राज्य मुख्यालयप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भर्ती आयोगों के भविष्य पर संकट खड़ा हो गया है। कुछ आयोगों को भंग किए जाने की तलवार लटक रही है। बताया जा रहा है कि भर्ती आयोगों के बारे में पूरी रिपोर्ट मांगी गई है।
इसके आधार पर जल्द ही इनका भविष्य तय किए जाने की संभावना जताई जा रही है।उत्तर प्रदेश में भर्ती आयोगों की
कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान हमेशा से लगते रहे हैं। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग हो या उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग...उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग हो या उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड। इनकी कार्यप्रणाली हमेशा से सवालों के घेरे में रही है।प्रदेश के भर्ती आयोगों में चेहेतों तो तैनाती देने के आरोप लगते रहे हैं। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष राजकिशोर हैं। राजसंपत्ति विभाग से रिटायर होने के बाद पूर्ववर्ती सरकार ने अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का अध्यक्ष बना दिया। इसी तरह रिटायर आईएएस प्रभात मित्तल को उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग और रिटायर आईएएस हीरालाल गुप्ता को माध्यिमक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया।प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद संवैधानिक आयोगों को छोड़ कर अन्य आयोगों व निगमों के अध्यक्षों व सदस्यों को हटा दिया गया। इसके बाद सेवानिवृत्ति के बाद पुनर्नियुक्ति पाने वाले आईएएस व पीसीएस अधिकारियों को हटाया गया। सूत्रों की माने तो जल्द ही कुछ भर्ती आयोगों को भंग किया जा सकता है। इसके पहले भी उत्तर प्रदेश अधनीस्थ सेवा चयन आयोग को भंग किया जा चुका है।

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