गतिमान शिक्षक भर्तियों का विश्लेषण: सरकार इस भर्ती का तमाम आपत्तियों के साथ करेगी गहन पयर्वेक्षण

जो चयनित है वह प्रसन्न है जो अचयनित है वह क्षुब्ध है।मैं यहीं स्पष्ट कर देना चाहता हूँ कि यह मेरी कदापि मंशा नहीं है कि भर्ती निरस्त हो क्योंकि भर्ती का निरस्त होना,मैं एक अवरोध के रूप में समझता हूँ। यद्यपि फिर भी न जाने क्यों सरकार की कार्य प्रलाणी देखकर यही लगता है कि भर्ती निरस्त कर दी जायेगी।
सरकार इस भर्ती का तमाम आपत्तियों के साथ गहन पयर्वेक्षण करेगी।जिसकी निम्नवत विवक्षाएं हो सकती हैं-
1.बेसिक शिक्षा की नियमावली 14(1) के अनुसार आवेदन मात्र उसी जनपद के अभ्यर्थियों से स्वीकार किये जा सकते है जिस जनपद के बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा विज्ञप्ति प्रकाशित किया गया हो,किन्तु इस भर्ती सभी जनपदों(शून्य युक्त जनपद) से भी आवेदन स्वीकार किये गए हैं।
2.सभी जनपदों में पद होने के बावजूद मनमानी तरीके से 24 जनपदों को शून्य जनपद घोषित कर दिया गया जबकि पूर्व में सभी बी एस ए द्वारा सचिव को धनात्मक आंकड़ा भेजा गया था।
3. विज्ञप्ति उन अवैध नियमों पर विज्ञापित थी जिनपर माननीय उच्च न्यायालय ने अपना निर्णय दे चुकें है।
4.शून्य जनपद के बहुत से अभ्यर्थी 20-20 जगह से आवेदन किये हैं और इच्छानुसार कम कट ऑफ जाने वाले जनपद में संभावना के आधार पर काउंसलिंग करवाये हैं।
5. यह बिंदु सबसे अहम है।हर सरकार अपने कार्यकाल में चतुर्दिक विकास कर अपनी उपलब्धि को प्राप्त करना चाहती है तो ये सरकार भी समाजवादी सरकार में विज्ञापित विज्ञप्ति में पद वृद्धि कर उपलब्धि किसी अन्य सरकार को कदापि नहीं देगी।
अब इस क्रम में यह भी संभावना बनती है कि यदि पद वृद्धि कर भी दिया जाता है तो कोई आवश्यक नहीं है की उन्ही जनपदों में पद वृद्धि हो जहाँ पर पद आये हैं।पद वृद्धि शून्य जनपदों में भी हो सकती है क्योंकि यह स्पष्ट है की 24 जनपद को मनमानी तरीके से शून्य किया गया है।यदि 24 जनपदों में भी पद आ जाते/बढ़ जाते हैं तो अन्य जनपदों में नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों को अपने प्रशिक्षण जनपद में काउंसलिंग कराने के लिए बाध्य होना पड़ सकता है।
मैं व्यक्तिगत रूप यही चाहता हूँ कि यह भर्ती अविलंबित रूप से पूर्ण हो। जो चयनित हैं वे चयन पाएं और अचयनित पूर्ण समायोजन हेतु प्रयास करें क्योंकि यदि भर्ती सरकार द्वारा निरस्त कर दी जाती है तो प्रकरण निश्चित रूप से कोर्ट में जायेगा और कोर्ट में क्या दशा होती है यह आप अभी सभी जानते हैं।
वहीं इस बात की संभावना भी बढ़ गयी है कि भाजपा सरकार वर्तमान की बेसिक शिक्षा नियमावली में बिना संशोधन के कोई भर्ती नहीं करेगी।इस तरह कब संशोधन होगा,कब भर्ती आएगी...?? यह भविष्य के गर्त में समाया हुआ है।वहीं कुछ माह में बीटीसी 2014 का विशाल जत्था आ रहा है। उन अनुजों के सम्मुख गुणांक में हम सब दूर-दूर तक कहीं नहीं टिकेंगे।यह एक बड़ा संकट बीटीसी 2013 के सर पर मंडरा रहा है।एक दिन किसी भाई ने 2013 बैच को # पनौती_बैच कहा था।सच बोलूँ तो मुझे भी यही लग रहा है।भाईयों ऐसी परिस्थिति का निर्माण होता मुझे दिख रहा है आपको क्या लगता है आप भी अपनी बात साझा करें।
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