हापुड़ : बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शुरुआती 100 दिन में दिए गए लक्ष्यों को पूरा करना होगा। इसी वजह से मई जून में शिक्षकों के स्थानांतरण पर भी रोक लगा दी गई है।
अक्सर स्थानांतरण की शुरुआत हो जाती है। 20 मई से हो जाती है। इन दिनों गर्मियों की छुट्टियां होने के कारण शासन से स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है ताकि शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद नए विद्यालय में अपनी जिम्मेदारी संभाल सकें। शासन से इस संबंध में स्पष्ट आदेश मिला है कि 100 दिन जून के अंतिम सप्ताह तक पूरे होंगे। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्थानांतरण के स्थान पर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ज्यादा जोर दें। विभाग द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, शिक्षक और अधिकारी उन लक्ष्यों को पूरा करे। इतना ही नहीं जो राजनेता शिक्षकों की स्थानांतरण के लिए सिफारिश के लिए दबाव डाल रहे हैं, उनका नाम भी शासन को बताया जाए। इस आदेश के बाद जहां शिक्षकों में अफरातफरी मची है, वही राजनेताओं को भी निराश होना पड़ेगा। जिले के करीब तीन सौ शिक्षक अंतरजनपदीय तथा ब्लॉक स्तर के स्थानांतरण की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इस आदेश के बाद उनकी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। शिक्षक नेता भी इस आदेश से मायूस हैं क्योंकि ऐसे में शिक्षकों के स्थानांतरण करवाकर संघ में अपनी कुर्सी बचाने के अब उन्हें मौका नहीं मिल सकेगा।
शासन से 100 दिन में लक्ष्य पूरा करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इस संबंध में सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सूचना दे दी गई है ताकि वे शिक्षकों को जानकारी दे सकें।
देवेंद्र गुप्ता, बीएसए, हापुड़
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अक्सर स्थानांतरण की शुरुआत हो जाती है। 20 मई से हो जाती है। इन दिनों गर्मियों की छुट्टियां होने के कारण शासन से स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाती है ताकि शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद नए विद्यालय में अपनी जिम्मेदारी संभाल सकें। शासन से इस संबंध में स्पष्ट आदेश मिला है कि 100 दिन जून के अंतिम सप्ताह तक पूरे होंगे। विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे स्थानांतरण के स्थान पर शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने पर ज्यादा जोर दें। विभाग द्वारा जो लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं, शिक्षक और अधिकारी उन लक्ष्यों को पूरा करे। इतना ही नहीं जो राजनेता शिक्षकों की स्थानांतरण के लिए सिफारिश के लिए दबाव डाल रहे हैं, उनका नाम भी शासन को बताया जाए। इस आदेश के बाद जहां शिक्षकों में अफरातफरी मची है, वही राजनेताओं को भी निराश होना पड़ेगा। जिले के करीब तीन सौ शिक्षक अंतरजनपदीय तथा ब्लॉक स्तर के स्थानांतरण की आस लगाए बैठे थे, लेकिन इस आदेश के बाद उनकी उम्मीदें धराशायी हो गई हैं। शिक्षक नेता भी इस आदेश से मायूस हैं क्योंकि ऐसे में शिक्षकों के स्थानांतरण करवाकर संघ में अपनी कुर्सी बचाने के अब उन्हें मौका नहीं मिल सकेगा।
शासन से 100 दिन में लक्ष्य पूरा करने का निर्देश प्राप्त हुआ है। इस संबंध में सभी खण्ड शिक्षा अधिकारियों को सूचना दे दी गई है ताकि वे शिक्षकों को जानकारी दे सकें।
देवेंद्र गुप्ता, बीएसए, हापुड़
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