कन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट इंप्लॉइज ऐंड वर्कर्स के वाइस प्रेजिडेंट अशोक कनौजिया कहते हैं कि हमारी भत्तों समेत अन्य मांगों को सरकार जल्द पूरा करे।
पे-कमिशन की सैलरी संबंधी सारी सिफारिशें 1 जनवरी-2016 से लागू हो गई हैं। 7वें पे-कमिशन ने एचआरए के मामले में 8, 16 और 24 प्रतिशत की सिफारिश की थी, जिसे केंद्रीय कर्मचारियों ने लेने से इनकार कर दिया। तब सरकार ने लवासा कमिटी गठित की जिससे कि भत्तों पर नए सिरे से विचार किया जा सके। कर्मचारी नेता गोपाल मिश्रा का कहना है कि सरकार हर मामले में टाल-मटोल कर रही है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये तय की है। हमने इसे 26,000 रुपये करने की मांग की थी।
केंद्रीय कर्मचारियों की मांग : 10, 20 और 30 फीसदी हो हाउस रेंट अलाउंस, जो 1 जनवरी 2016 से लागू हो
केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों पर गठित लवासा कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला लेना और इसे लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। केंद्रीय कर्मचारियों के संघ 'नैशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ ऐक्शन' के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने एनबीटी से कहा कि हमें कम से कम 10, 20 और 30 फीसदी हाउस रेंट अलाउंस ( एचआरए) चाहिए। इससे कम हमें मंजूर नहीं।
हमारी दूसरी मांग है कि एचआरए की नई दरें, नई बेसिक सैलरी के साथ 1 जनवरी 2016 से लागू की जाएं और इसका एरियर केंद्रीय कर्मचारियों को दिया जाए। अभी तक एचआरए पुरानी बेसिक सैलरी पर मिल रहा है। सरकार एचआरए की नई दरों को नई बेसिक सैलरी पर 1 अप्रैल-2017 से लागू करना चाहती है, जबकि 7वें पे कमिशन की सैलरी से संबंधित सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो चुकी हैं। जब हमें नई बेसिक सैलरी के हिसाब से सैलरी 1 जनवरी 2016 से मिल रही है, तो एचआरए की नई दरें भी नई बेसिक सैलरी के हिसाब से 1 जनवरी 2016 से मिलनी चाहिए। अगर सरकार ने इन दोनों मांगों को नहीं माना, तो फिर विरोध का बिगुल फूंका जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि लवासा कमिटी की रिपोर्ट अब इंपावर कमिटी के पास जाएगी, जिसका अध्यक्ष कैबिनेट सेक्रेटरी होता है। हम जल्द ही कैबिनेट सेक्रेटरी से बात करेंगे। उन्हें अपनी मांगों के बारे में बताएंगे। फिर भी सरकार ने हमारी बातें नहीं मानीं, तो हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई और चारा नहीं होगा।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- 2 मई को शिक्षामित्र समायोजन पर जस्टिस चंद्रचूर्ण जी के आदेश पर ही लगेगी अंतिम मुहर : मयंक तिवारी
- 72,825 पदों को 30/11/11 विज्ञापन से ही भरा जायेगा , TET शिक्षक चयन हेतु अनिवार्य : मयंक तिवारी
- अगली सुनवाई 2 मई को है और उस दिन डी बाई चंद्रचूर्ण जी के आदेश को सुना जायेगा : प्रवीण श्रीवास्तव
- 2 मई को यदि सुनाई शिक्षा मित्र मेटर में पूर्ण हो जाती है तो उसी दिन नही तो अगले दिन r te एक्ट पर सुनवाई
- टेट में कम मार्क्स होने के वजह से अभी भी चयन , 2 मई को जीत का जश्न : राकेश यादव
- शिक्षामित्रों समायोजन इन आधारों पर हाईकोर्ट ने किया था रद्द
पे-कमिशन की सैलरी संबंधी सारी सिफारिशें 1 जनवरी-2016 से लागू हो गई हैं। 7वें पे-कमिशन ने एचआरए के मामले में 8, 16 और 24 प्रतिशत की सिफारिश की थी, जिसे केंद्रीय कर्मचारियों ने लेने से इनकार कर दिया। तब सरकार ने लवासा कमिटी गठित की जिससे कि भत्तों पर नए सिरे से विचार किया जा सके। कर्मचारी नेता गोपाल मिश्रा का कहना है कि सरकार हर मामले में टाल-मटोल कर रही है। सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए मिनिमम बेसिक सैलरी 18,000 रुपये तय की है। हमने इसे 26,000 रुपये करने की मांग की थी।
केंद्रीय कर्मचारियों की मांग : 10, 20 और 30 फीसदी हो हाउस रेंट अलाउंस, जो 1 जनवरी 2016 से लागू हो
केंद्रीय कर्मचारियों के भत्तों पर गठित लवासा कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला लेना और इसे लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। केंद्रीय कर्मचारियों के संघ 'नैशनल जॉइंट काउंसिल ऑफ ऐक्शन' के संयोजक शिव गोपाल मिश्रा ने एनबीटी से कहा कि हमें कम से कम 10, 20 और 30 फीसदी हाउस रेंट अलाउंस ( एचआरए) चाहिए। इससे कम हमें मंजूर नहीं।
हमारी दूसरी मांग है कि एचआरए की नई दरें, नई बेसिक सैलरी के साथ 1 जनवरी 2016 से लागू की जाएं और इसका एरियर केंद्रीय कर्मचारियों को दिया जाए। अभी तक एचआरए पुरानी बेसिक सैलरी पर मिल रहा है। सरकार एचआरए की नई दरों को नई बेसिक सैलरी पर 1 अप्रैल-2017 से लागू करना चाहती है, जबकि 7वें पे कमिशन की सैलरी से संबंधित सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू हो चुकी हैं। जब हमें नई बेसिक सैलरी के हिसाब से सैलरी 1 जनवरी 2016 से मिल रही है, तो एचआरए की नई दरें भी नई बेसिक सैलरी के हिसाब से 1 जनवरी 2016 से मिलनी चाहिए। अगर सरकार ने इन दोनों मांगों को नहीं माना, तो फिर विरोध का बिगुल फूंका जाएगा।
मिश्रा ने कहा कि लवासा कमिटी की रिपोर्ट अब इंपावर कमिटी के पास जाएगी, जिसका अध्यक्ष कैबिनेट सेक्रेटरी होता है। हम जल्द ही कैबिनेट सेक्रेटरी से बात करेंगे। उन्हें अपनी मांगों के बारे में बताएंगे। फिर भी सरकार ने हमारी बातें नहीं मानीं, तो हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई और चारा नहीं होगा।
- NCTE नोटिफ़िकेशन को पढने के बाद हिमांशु राणा ने निकाला निष्कर्ष: कहा शिक्षामित्रों की नौकरी पर मंडरा रहा खतरा
- .....तो शिक्षामित्र भी शिक्षा सहायको की तरह बाहर होते!!! 2014 में संगठन ने लिया था सूझबूझ से काम
- शिक्षामित्र ने टी.ई.टी. को दिया नया नाम: मानना पड़ेगा काबलियत को
- भारतीय संविधान के अनु० 19 और 21 में दी गई रोजी रोटी की सुनिश्चितता की आज़ादी: शिक्षामित्र संगठन
- याचियों के लिए शिक्षा मित्रों के हटने के पश्चात सुनवाई होनी: हिमांशु राणा
- 27 अप्रैल 2017 की सुनवाई का सारांश : मयंक तिवारी , अरशद अली , द्विवेदी विवेक , राकेश यादव , हिमांशु राणा , गणेश शंकर दीक्षित , दुर्गेश प्रताप , गाजी इमाम आला
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines