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सरप्लस शिक्षकों के समायोजन पर उठे सवाल

शिक्षक संगठन का आरोप, पैसे के लिए प्रबंधन और शिक्षाधिकारियों ने की नियुक्तियां लखनऊ।
कार्यालय संवाददाता प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक स्कूलों के 1800 सरप्लस शिक्षकों के समायोजन पर शिक्षक संगठनों ने नाराजगी जताई है।
माध्यमिक शिक्षक संघ शर्मा गुट के प्रदेश मंत्री डॉ. आरपी मिश्र ने कहा है कि राजकीय विद्यालयों में समायोजन किए जाने से कोई कठिनाई नहीं होगी किंतु सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में समायोजन प्रक्रिया में विधिक विवाद उत्पन्न हो सकते हैं। जिलाध्यक्ष एसकेएस राठौर एवं जिला मंत्री अनुराग मिश्र ने बताया कि सरप्लस शिक्षकों की समस्या शहरी क्षेत्र के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में है जहां पर शिक्षाधिकारियों एवं प्रबंध तंत्रों की सांठ गांठ से छात्र संख्या के मानकों को ताक पर रखकर लाखों रुपए की घूसखोरी के आधार पर नियुक्तियां की गई हैं। साथ ही, सुदूर विद्यालयों से यहां स्थानांतरण किए गए हैं | मांग उठाई है कि बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों को बंद करके उनके बच्चों को समायोजन राजकीय और सहायता प्राप्त विद्यालय में कराया जाए। शिक्षक नेताओं ने बताया कि पिछली सपा सरकार ने भी सरप्लस शिक्षकों के समायोजन का प्रयास किया था लेकिन उच्च न्यायालय के द्वारा आदेश दिया गया था कि यदि कोई शिक्षक सरप्लस है तो वह उस पद पर सेवानिवृत्ति तक कार्य करता रहेगा तथा भविष्य में उन सरप्लस पदों पर कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी|
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