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आईये जाने सचिवालय में बैठे बड़े-बड़े अधिकारियों की छुट्टी के बारे में जिन्हें लगता है कि शिक्षकों को ज्यादा छुट्टियां मिलती हैं

आईये जाने सचिवालय में बैठे बड़े-बड़े अधिकारियों की छुट्टी के बारे में जिन्हें लगता है कि शिक्षकों को ज्यादा छुट्टियां मिलती हैं-
शनिवार का अवकाश- 52
रविवार का अवकाश- 52
गजटेड अवकाश- 40
उपार्जित अवकाश- 30
निबंधित अवकाश- 02
आकस्मिक अवकाश- 14
औसत चिकित्सकीय अवकाश- 10

कुल अवकाश की संख्या- 190
कार्यदिवस- 175 दिन

शिक्षा विभाग के अनुसार शिक्षकों का अवकाश- 129
कार्य दिवस- 236 दिन

न शिक्षकों को कोई उपार्जित अवकाश और न निबंधित अवकाश न सचिवालय कर्मचारियों व अधिकारियों की तरह शनिवार को कोई छुट्टी (हफ्ते में मात्र 5 कार्यदिवस). शिक्षकों को इन कर्मचारियों की तरह किसी प्रकार का न तो कोई चिकित्सकीय सुविधाएं मिलती हैं और न ही किसी प्रकार का टीए/डीए!

शिक्षकों को जबरदस्ती ग्रीष्मीय अवकाश सौंप दिया जाता है! मुख्यमन्त्री जी से निवेदन है कि इन छुट्टियों को रद्द कर 30 दिन का ही उपार्जित अवकाश (ईएल) प्रदान करें जिसका उपयोग शिक्षक अपनी आवश्यकताओं के अनुसार करेगा। कहने के लिए तो ग्रीष्मावकाश होता है लेकिन वास्तविकता यह है कि सरकार इन छुट्टियों में आर्थिक गणना, बाल गणना, तमाम सर्वे, आदि में फंसाकर आधिकारिक छुट्टी के बाद भी एक तरह से छुट्टी ऑयर डांका डालती हैं... शिक्षकों का शोषण करती हैं।

मा. मुख्यमन्त्री जी से निवेदन है कि स्कूलों में यथाशीघ्र बायोमैट्रिक लगवाएं और अपनी इच्छानुसार चाहे जहां ट्रांसफर पोस्टिंग करनी है कर दीजिए। लेकिन कृपया करके शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारी का दर्जा दीजिये और शिक्षकों को वे सभी सुविधाएं प्रदान करें जो राज्य कर्मचारियों को प्रदान करते हैं।
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