Advertisement

समायोजन ने बढ़ा दी वर्षो से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों की बेचैनी

लखनऊ: शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के समायोजन के फरमान से खलबली मची हुई है। विभाग ने स्कूलों से छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है।
जिसके बाद वर्षो से एक ही स्कूल में जमे शिक्षकों ने स्थानांतरण से बचने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है। कोई शिक्षक गुट के माध्यम से सरकार से समायोजन नीति को वापस लिए जाने का पैंतरा अपना रहा तो कोई विभाग को भेजी जा रही जानकारी में खुद की जरूरत सिद्ध करने की गोट फिट कर रहा है।
अभी दो दिन पूर्व हुए शिक्षक सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने अपने वक्तव्य में माध्यमिक शिक्षा परिषद के तहत संचालित स्कूलों में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों की तैनाती न होने की बात कही थी। उन्होंने राजधानी के एक स्कूल में बच्चों की संख्या 75 बच्चे और शिक्षकों की संख्या 27 होने का उदाहरण देते हुए शिक्षकों के समायोजन की जरूरत बताई। जिससे शिक्षा के स्तर में सुधार लाया जा सके। उपमुख्यमंत्री के समायोजन के फैसले से उन शिक्षकों की बेचैनी बढ़ गई है जो शासन सत्ता में मजबूत पकड़ के चलते अपनी सालों से एक ही स्कूल में जमे हैं। इस संबंध में डीआईओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि शासन स्तर पर समायोजन को लेकर जो निर्देश दिए गए हैं, उसी के तहत स्कूलों से छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों का ब्योरा मांगा गया है।

sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

UPTET news