आगरा: राजकीय स्कूलों की व्यवस्था की तस्वीर अब दर्पण में दिखाई देगी। फंड, टीचर और छात्रों की उपस्थिति, शिक्षकों का तबादला और तैनाती की जानकारी भी मिलेगी।
राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की मनमानी के चलते शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट और छात्रों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। छात्रों के अनुपात में राजकीय स्कूलों में शिक्षक अधिक संख्या में हैं। सरकार राजकीय स्कूलों को उपयोगी बनाने के प्रयास कर रही है। इसके लिए दर्पण नामक योजना तैयार की जा रही है। जिसके लिए शाला सिद्धि पोर्टल लांच किया गया है। विभागीय अफसरों का कहना है कि सरकार चाहती है कि शासन स्तर पर राजकीय स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाए। ताकि स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके। इसीलिए इन विद्यालयों में बायोमीट्रिक मशीन और सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। छात्रों और शिक्षकों का ब्योरा भी मांगा गया है। इससे शिक्षकों के साथ ही छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ाई जा सकेगी। दर्पण योजना के जरिए राजकीय स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन स्कूलों को ऑनलाइन करने से अभिभावक या कोई भी व्यक्ति एक क्लिक पर स्कूल के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेगा। राजकीय स्कूलों के क्रियाकलाप भी इस पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए डीआइओएस से राजकीय स्कूलों के डाटा मांगे हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए जुलाई में जीआइसी के प्रधानाचार्य ट्रेनिंग के लिए लखनऊ जाएंगे। जिले में 25 हाईस्कूल और आठ राजकीय इंटर कॉलेज हैं। इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 3500 है।
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अवकाश को ऑनलाइन आवेदन
आगरा: दर्पण योजना के तहत राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ताकि मामला प्रधानाचार्य और उच्च अधिकारियों के संज्ञान में रहे।
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बेहतरी और अंकुश की तैयारी
सरकार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की बेहतरी और शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने की तैयारी में है। ताकि राजकीय स्कूलों को उपयोगी बनाया जा सके। राजकीय स्कूलों की सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होंगी।
अर्चना गुप्ता, एडीआइओएस।
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राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की मनमानी के चलते शैक्षिक गुणवत्ता में गिरावट और छात्रों की संख्या में लगातार कमी हो रही है। छात्रों के अनुपात में राजकीय स्कूलों में शिक्षक अधिक संख्या में हैं। सरकार राजकीय स्कूलों को उपयोगी बनाने के प्रयास कर रही है। इसके लिए दर्पण नामक योजना तैयार की जा रही है। जिसके लिए शाला सिद्धि पोर्टल लांच किया गया है। विभागीय अफसरों का कहना है कि सरकार चाहती है कि शासन स्तर पर राजकीय स्कूलों की शैक्षिक गतिविधियों का मूल्यांकन किया जाए। ताकि स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी पर रोक लगाई जा सके। इसीलिए इन विद्यालयों में बायोमीट्रिक मशीन और सीसीटीवी लगाए जा रहे हैं। छात्रों और शिक्षकों का ब्योरा भी मांगा गया है। इससे शिक्षकों के साथ ही छात्रों की उपस्थिति भी बढ़ाई जा सकेगी। दर्पण योजना के जरिए राजकीय स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इन स्कूलों को ऑनलाइन करने से अभिभावक या कोई भी व्यक्ति एक क्लिक पर स्कूल के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेगा। राजकीय स्कूलों के क्रियाकलाप भी इस पोर्टल पर उपलब्ध रहेंगे। इसके लिए डीआइओएस से राजकीय स्कूलों के डाटा मांगे हैं। योजना के क्रियान्वयन के लिए जुलाई में जीआइसी के प्रधानाचार्य ट्रेनिंग के लिए लखनऊ जाएंगे। जिले में 25 हाईस्कूल और आठ राजकीय इंटर कॉलेज हैं। इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या करीब 3500 है।
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अवकाश को ऑनलाइन आवेदन
आगरा: दर्पण योजना के तहत राजकीय स्कूलों के शिक्षकों को अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ताकि मामला प्रधानाचार्य और उच्च अधिकारियों के संज्ञान में रहे।
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बेहतरी और अंकुश की तैयारी
सरकार राजकीय माध्यमिक विद्यालयों की बेहतरी और शिक्षकों की मनमानी पर अंकुश लगाने की तैयारी में है। ताकि राजकीय स्कूलों को उपयोगी बनाया जा सके। राजकीय स्कूलों की सभी व्यवस्थाएं ऑनलाइन होंगी।
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