परिषदीय शिक्षकों की कक्षावार जवाबदेही की तैयारी में बेसिक शिक्षा विभाग

मैनपुरी । हिन्दुस्तान संवादपरिषदीय स्कूलों की शिक्षा के सुधार के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने पहल शुरू कर दी है। केंद्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की कक्षावार जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में शनिवार को बीएसए कार्यालय को एक पत्र प्राप्त हुआ है।
इस पत्र के माध्यम से शिक्षकों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए गए हैं। सरकार परिषदीय स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था के सुधार के लिए प्रतिवर्ष अरबो रुपये खर्च किए जा रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी शिक्षा का सुधार नहीं हो पा रहा है। जिस पर केंद्र सरकार ने प्रदेश सरकार को कक्षावार शिक्षकों की जिम्मेदारी सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में प्रदेश सरकार ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जुलाई से स्कूल खुलते ही विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को कक्षावार विषय की जिम्मेदारी सौंपी जाए। पत्र में कहा गया है कि कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों को कक्षा के आधार पर सीखने व समझने के मानक तय करने होंगे। इसी के आधार पर शिक्षण कार्य किया जाएगा। किया जाएगा गुणवत्ता का निरीक्षण: प्रभारी बीएसए जेपी पाल ने बताया कि लर्निंग आउटकम्स प्रक्रिया के तहत प्रतिमाह स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता की जांच होगी। जांच के दौरान मानक पर खरा न उतरने वाले शिक्षकों को जवाबदेही मानते हुए विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम से जुड़ेगी नई प्रक्रिया: लर्निंग आउटकम्स मानक को शिक्षा का अधिकार अधिनियम से जोड़ा जाएगा। इसके तहत प्रत्येक शिक्षक की कक्षावार जिम्मेदारी तय करने के बाद निरीक्षण होगा। जो शिक्षक खरा नहीं उतरेगा उस पर कानूनी कार्रवाई भी तय की जाएगी। जुलाई से स्कूलों में नया प्लान होगा लागू, लापरवाहों पर होगी कार्रवाई

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