शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में शुक्रवार को विपक्षी दलों ने विधान परिषद में हंगामा कर डेढ़ घंटे तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी जिससे कि प्रश्नकाल नहीं हो सका। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार की शिक्षामित्रों से पूरी सहानुभूति है।
शिक्षामित्र वोट की राजनीति करने वालों के बहकावे में न आएं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रही है। शिक्षामित्रों की समस्या का निवारण करने के लिए तर्कसंगत, विधिसम्मत रास्ता तलाशा जा रहा है। उन्होंने शिक्षामित्रों से ¨हसा, आगजनी और प्रदर्शन न कर विद्यालयों में पढ़ाने की की है। 1मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने का ठीकरा सपा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि समायोजन की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी थी। इसी वजह से पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को रद कर दिया। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों से कि वे विपक्षी दलों के बहकावे में न आएं और संघर्ष का रास्ता छोड़कर संवाद का माध्यम अपनाएं। स्कूलों में जाकर पढ़ाएं और अपना प्रतिवेदन प्रतिनिधियों के माध्यम से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के पास भेजें। उन्होंने कहा कि जब सरकार शिक्षामित्रों के फैसले को लेकर संजीदा है तो सड़कों पर प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र संघर्ष से नहीं, संवाद और सहमति से चलता है। सरकार शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए हर विकल्प पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ¨हसा होगी तो सरकार को मजबूरी में कड़े कदम उठाने होंगे। ऐसे हालात न पैदा हों जिससे कि शिक्षामित्रों के लिए अप्रिय स्थिति पैदा हो। वहीं उन्होंने विपक्ष को भी आगाह किया कि सरकार उसकी धमकी से दबाव में आने वाली नहीं। 1इससे पहले पूर्वाह्न् 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। लाठीचार्ज के विरोध में सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य सभापति रमेश यादव के आसन के सामने आकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित होने पर विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्ष का रुख देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर धरने पर बैठे विपक्षी सदस्य फिर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12.30 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने विपक्ष के हंगामे के बीच एजेंडे का काम निपटाना शुरू किया जिस पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ¨हसा का मार्ग छोड़ संवाद का माध्यम अपनाएं, स्कूलों में पढ़ाएं
शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में विपक्ष का विधान परिषद में हंगामा
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शिक्षामित्र वोट की राजनीति करने वालों के बहकावे में न आएं। सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले की समीक्षा कर रही है। शिक्षामित्रों की समस्या का निवारण करने के लिए तर्कसंगत, विधिसम्मत रास्ता तलाशा जा रहा है। उन्होंने शिक्षामित्रों से ¨हसा, आगजनी और प्रदर्शन न कर विद्यालयों में पढ़ाने की की है। 1मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों का समायोजन रद होने का ठीकरा सपा सरकार पर फोड़ते हुए कहा कि समायोजन की प्रक्रिया में ही गड़बड़ी थी। इसी वजह से पहले हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने समायोजन को रद कर दिया। मुख्यमंत्री ने शिक्षामित्रों से कि वे विपक्षी दलों के बहकावे में न आएं और संघर्ष का रास्ता छोड़कर संवाद का माध्यम अपनाएं। स्कूलों में जाकर पढ़ाएं और अपना प्रतिवेदन प्रतिनिधियों के माध्यम से अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा राज प्रताप सिंह के पास भेजें। उन्होंने कहा कि जब सरकार शिक्षामित्रों के फैसले को लेकर संजीदा है तो सड़कों पर प्रदर्शन, आगजनी, तोड़फोड़ नहीं होना चाहिए। लोकतंत्र संघर्ष से नहीं, संवाद और सहमति से चलता है। सरकार शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए हर विकल्प पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि ¨हसा होगी तो सरकार को मजबूरी में कड़े कदम उठाने होंगे। ऐसे हालात न पैदा हों जिससे कि शिक्षामित्रों के लिए अप्रिय स्थिति पैदा हो। वहीं उन्होंने विपक्ष को भी आगाह किया कि सरकार उसकी धमकी से दबाव में आने वाली नहीं। 1इससे पहले पूर्वाह्न् 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन ने शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज का मुद्दा उठाया। लाठीचार्ज के विरोध में सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य सभापति रमेश यादव के आसन के सामने आकर हंगामा और नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही स्थगित होने पर विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के सामने धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। विपक्ष का रुख देखते हुए सभापति ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी। दोपहर 12 बजे कार्यवाही शुरू होने पर धरने पर बैठे विपक्षी सदस्य फिर खड़े होकर नारेबाजी करने लगे जिससे कि सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी। दोपहर 12.30 बजे जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने विपक्ष के हंगामे के बीच एजेंडे का काम निपटाना शुरू किया जिस पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ¨हसा का मार्ग छोड़ संवाद का माध्यम अपनाएं, स्कूलों में पढ़ाएं
शिक्षामित्रों पर लाठीचार्ज के विरोध में विपक्ष का विधान परिषद में हंगामा
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