इलाहाबाद : माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए जल्द ही एक नया आयोग गठित किया जाएगा। इसके लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड और उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग का विलय किया जाएगा।
इससे जहां सरकार आयोगों पर हो रहे खर्च को सीमित करेगी, वहीं भर्तियों में गड़बड़ी की जवाबदेही भी आसानी से तय की जा सकेगी।
अब तक माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन अलग-अलग भर्ती बोर्ड करते थे। पिछले शासनकाल में भर्तियों में तमाम गड़बड़ियां भी सामने आई थीं। इसे देखते हुए नए आयोग की तैयारी की गई है। शासन स्तर पर पिछले दिनों बैठक हुई और पूर्व सचिव रूबी सिंह की अगुआई में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो नए आयोग में लागू होने वाले अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करके 31 जुलाई तक शासन को सौंपेगी।
एक अध्यक्ष, 12 सदस्य
नए आयोग में एक अध्यक्ष व दोनों चयन बोर्ड के छह-छह सदस्य रखे जाएंगे। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सदस्यों की योग्यता पहले की तरह ही रहेगी। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में शिक्षाविद के नाम पर वही सदस्य बन सकेगा, जिसे न्यूनतम आयु 55 वर्ष व शासकीय या अनुदानित कालेज के प्राचार्य के रूप में 10 वर्ष का अनुभव शामिल होगा। दोनों आयोग के कर्मचारियों का भी विलय होगा। वह एक ही आयोग के अधीन कार्य करेंगे व संबंधित अभिलेखों का रखरखाव करेंगे। नया आयोग शुरू होने के तीन माह में प्रस्ताव उपलब्ध कराएगा, उस पर शासन की अनुमति के बाद विलय का आदेश होगा। दोनों आयोगों को मिलाकर एक अलग अधिनियम बनेगा और विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाएगी।
दो अलग-अलग कमेटियों का हळ्आ गठन1नए आयोग का अधिनियम तैयार करने के लिए चयन बोर्ड की पूर्व सचिव रूबी सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। इसमें माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश सदस्य सचिव हैं, वहीं उच्च शिक्षा के संयुक्त सचिव डॉ. एसपी खरे, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के कार्यवाहक सचिव संजय सिंह व माध्यमिक शिक्षा के विधि अधिकारी दिनेश सिंह राठौर सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की संस्तुतियों पर विचार करने के लिए माध्यमिक शिक्षा की विशेष सचिव संध्या तिवारी की अध्यक्षता में टीम बनी है। इसमें माध्यमिक के ही विशेष सचिव अनिल बाजपेयी सदस्य सचिव होंगे। उच्च शिक्षा की विशेष सचिव मधु जोशी, प्रमुख सचिव न्याय सदस्य हैं।
यूपी पीएससी की भर्ती नए आयोग को
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) राजकीय डिग्री व इंटरमीडिएट कॉलेजों के प्राचार्य व प्रवक्ता का चयन करता आ रहा है। शासन ने यह तय किया है कि आगे चलकर इन पदों पर चयन भी नया आयोग करेगा। इसी तरह से आगे चलकर राजकीय कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती नए आयोग को सौंपे जाने की तैयारी है।
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इससे जहां सरकार आयोगों पर हो रहे खर्च को सीमित करेगी, वहीं भर्तियों में गड़बड़ी की जवाबदेही भी आसानी से तय की जा सकेगी।
अब तक माध्यमिक विद्यालयों और महाविद्यालयों के लिए शिक्षकों का चयन अलग-अलग भर्ती बोर्ड करते थे। पिछले शासनकाल में भर्तियों में तमाम गड़बड़ियां भी सामने आई थीं। इसे देखते हुए नए आयोग की तैयारी की गई है। शासन स्तर पर पिछले दिनों बैठक हुई और पूर्व सचिव रूबी सिंह की अगुआई में एक कमेटी का गठन किया गया है, जो नए आयोग में लागू होने वाले अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करके 31 जुलाई तक शासन को सौंपेगी।
एक अध्यक्ष, 12 सदस्य
नए आयोग में एक अध्यक्ष व दोनों चयन बोर्ड के छह-छह सदस्य रखे जाएंगे। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के सदस्यों की योग्यता पहले की तरह ही रहेगी। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में शिक्षाविद के नाम पर वही सदस्य बन सकेगा, जिसे न्यूनतम आयु 55 वर्ष व शासकीय या अनुदानित कालेज के प्राचार्य के रूप में 10 वर्ष का अनुभव शामिल होगा। दोनों आयोग के कर्मचारियों का भी विलय होगा। वह एक ही आयोग के अधीन कार्य करेंगे व संबंधित अभिलेखों का रखरखाव करेंगे। नया आयोग शुरू होने के तीन माह में प्रस्ताव उपलब्ध कराएगा, उस पर शासन की अनुमति के बाद विलय का आदेश होगा। दोनों आयोगों को मिलाकर एक अलग अधिनियम बनेगा और विस्तृत कार्ययोजना प्रस्तुत की जाएगी।
दो अलग-अलग कमेटियों का हळ्आ गठन1नए आयोग का अधिनियम तैयार करने के लिए चयन बोर्ड की पूर्व सचिव रूबी सिंह की अध्यक्षता में कमेटी बनी है। इसमें माध्यमिक शिक्षा के अपर निदेशक रमेश सदस्य सचिव हैं, वहीं उच्च शिक्षा के संयुक्त सचिव डॉ. एसपी खरे, उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के कार्यवाहक सचिव संजय सिंह व माध्यमिक शिक्षा के विधि अधिकारी दिनेश सिंह राठौर सदस्य बनाए गए हैं। इस कमेटी की संस्तुतियों पर विचार करने के लिए माध्यमिक शिक्षा की विशेष सचिव संध्या तिवारी की अध्यक्षता में टीम बनी है। इसमें माध्यमिक के ही विशेष सचिव अनिल बाजपेयी सदस्य सचिव होंगे। उच्च शिक्षा की विशेष सचिव मधु जोशी, प्रमुख सचिव न्याय सदस्य हैं।
यूपी पीएससी की भर्ती नए आयोग को
उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (यूपी पीएससी) राजकीय डिग्री व इंटरमीडिएट कॉलेजों के प्राचार्य व प्रवक्ता का चयन करता आ रहा है। शासन ने यह तय किया है कि आगे चलकर इन पदों पर चयन भी नया आयोग करेगा। इसी तरह से आगे चलकर राजकीय कॉलेजों में एलटी ग्रेड शिक्षकों की भर्ती नए आयोग को सौंपे जाने की तैयारी है।
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