लंबित भर्तियां फिर सतह पर, 72 हजार शिक्षकों के लिए 2012 विज्ञापन की भर्ती कराने पर जोर

इलाहाबाद 1 शीर्ष कोर्ट ने एक ओर शिक्षामित्रों का समायोजन रद किया है, वहीं दूसरी ओर अन्य कई भर्ती करने रास्ता दिखा दिया है। शिक्षक चयन नियमावली के संशोधन पर मुहर लगने के बाद अब उसके सापेक्ष पद भरे
जाने की मांग जोर पकड़ रही है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि हजारों साथी लंबे समय से राह देख रहे थे, बेसिक शिक्षा महकमा उनका चयन प्रक्रिया शुरू करे। 1बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 72825 सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए 2011 में विज्ञापन निकला था, इसके बाद तत्कालीन सरकार ने सात दिसंबर 2012 को नियमावली में संशोधन करके इतने ही पदों के लिए दूसरा विज्ञापन जारी किया। उसके तहत अभ्यर्थियों से आवेदन भी लिए गए और चार फरवरी 2013 को एक दिन की काउंसिलिंग भी हुई, जिसमें प्रदेश भर में करीब 1400 अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया। इस भर्ती पर कोर्ट ने स्थगनादेश जारी कर दिया। यह मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। चार बरस बाद बीते 25 जुलाई को शीर्ष कोर्ट ने याचिका कर्ताओं की मांग स्वीकार करते हुए नियमावली में 15वें संशोधन को मान्य कर दिया है। असल में प्रदेश में बीएड और टीईटी धारकों के लिए प्राथमिक स्कूलों में यह अंतिम भर्ती है। यही नहीं सूबे के बेसिक शिक्षा मंत्री तक दोनों भर्तियों को अलग-अलग घोषित कर चुके हैं। प्रदेश में करीब बीस हजार से अधिक ऐसे अभ्यर्थी हैं, जिनकी आस इसी से जुड़ी है यदि यह भर्ती आगे नहीं बढ़ी तो वह चयन की दौड़ से बाहर हो जाएंगे। 1अभ्यर्थियों ने शासन के साथ ही बेसिक शिक्षा परिषद सचिव से भी गुहार लगाई है। वहीं, 12091 सूची के तहत अभ्यर्थियों के चयन का मामला फिर तूल पकड़ रहा है। अभ्यर्थियों का कहना है कि भर्ती के शेष पदों पर इसी सूची से अभ्यर्थियों का चयन किया जाए। इसी तरह से याची से शिक्षक बनने के बाद हजारों अभ्यर्थी चयनित होने की उम्मीद लगाए हैं, लेकिन अब तक उन्हें कहीं से आश्वासन तक नहीं मिल रहा है। ऐसे में 15 अगस्त के बाद आंदोलन छेड़ने की भी तैयारी है।’

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